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यूपी विधानसभा का बदलेगा तौर-तरीका, 64 साल पुरानी गाइडलाइंस की जगह लेगी नई रूल बुक

By राजेंद्र कुमार | Updated: December 16, 2022 19:41 IST

अभी तक प्रदेश विधानसभा की प्रक्रिया और कार्य संचालन 64 साल पहले यानी की वर्ष 1958 में बनी नियमावली के अनुसार ही चल रहा है। अब इसे बदले जाने पर विधानसभा अध्यक्ष सतीश महान ने सहमति जताई है।

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ठळक मुद्दे1958 में बनी नियमावली के अनुसार चल रही है यूपी विधानसभा की प्रक्रियाअब इसे बदले जाने पर विधानसभा अध्यक्ष सतीश महान ने सहमति जताई हैनए साल में सदन की कार्यवाही इसी नई रुल बुक के तहत संचालित की जाएगी

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की विधानसभा की देश की सबसे बड़ी विधानसभा है। कुल 403 सदस्यों वाली यूपी की विधानसभा गत मई में पेपर लेस हो गई थी और विधानसभा का कामकाज ई-विधान से तहत होने लगा था। इस बड़े बदलाव के बाद अब सदन की कार्यवाही को नए रूप-रंग में प्रदान करने पर सहमति बन गई है। जिसके तहत अब सदन संचालन की पुरानी गाइड लाइन को बदला जाएगा। अभी तक प्रदेश विधानसभा की प्रक्रिया और कार्य संचालन 64 साल पहले यानी की वर्ष 1958 में बनी नियमावली के अनुसार ही चल रहा है। अब इसे बदले जाने पर विधानसभा अध्यक्ष सतीश महान ने सहमति जताई है।

ऐसे में अब विधानसभा ने मौजूदा प्रावधानों में बदलाव करने की जगह नई रूल बुक लाई जाएगी। उम्मीद है नए साल में सदन की कार्यवाही इसी नई रुल बुक के तहत संचालित की जाएगी। ऐसे होने पर यूपी की विधानसभा देश के अन्य राज्यों के लिए एक रोल मॉडल बनेगी और देश के अन्य राज्यों की विधानसभा में भी पुरानी गाइड लाइन बदलने की शुरुआत होगी। 

यूपी विधानसभा के प्रमुख सचिव प्रदीप दूबे की देखरेख में इस संबंध के कार्य होने लगा है। लंबे समय से राज्य में प्रमुख सचिव विधानसभा के पद पर कार्यरत प्रदीप दुबे ने यूपी विधानसभा में कई ऐतिहासिक बदलाव किए हैं। उनकी ही देखरेख में गत मई में विधानसभा की कार्यवाही ऑनलाइन होने लगी। विधानसभा में सभी सदस्यों के सीटों पर सैमसंग के टैबलेट लगाए गए। इन टैबलेट को सदस्य और मंत्री अपने नाम या फिर फिंगर प्रिंट के माध्यम से खोलकर विधानसभा में रखे जाने वाले प्रश्नों और उनके उत्तरों को पढ़ने लगे।

यही नहीं ई-विधान ऐप के तहत विधानसभा की कार्यवाही भी में भी वह ऑनलाइन हिस्सा लेने लगे और अन्य लोग भी अपने जनप्रतिनिधियों के व्यवहार, उनके द्वारा उठाये गए प्रश्न, मंत्रियों के जवाब और सरकार की योजनाओं के बारे में जानकारी हासिल करने लगे। इस बड़े बदलाव के बाद विधानसभा की बिल्डिंग में भी नए बदलाव किए गए।

इसी क्रम में अब विधानसभा की पुरानी गाइड लाइन बदलने की पहल हुई है। प्रदीप दूबे का कहना है कि विधानसभा में नई तकनीक के आने के बाद 64 साल पुरानी प्रक्रिया और कार्य संचालन की नियमावली को बदले जाने की जरूरत महसूस हुई, जिसके चलते ही इस दिशा में कार्य शुरू किया गया है। इस बदलाव के लिए एक ड्राफ्टिंग कमेटी विधानसभा प्रमुख सचिव प्रदीप दुबे की देखरेख में बनायी गई है।

टॅग्स :उत्तर प्रदेशUP Legislative Assembly
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