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CAA पर माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ सत्य नडेला ने कहा-"भारत में जो हो रहा है गलत है, आईटी सेक्टर के लोगों को इसके खिलाफ बोलने का दिखाना चाहिए साहस"

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: January 14, 2020 07:50 IST

नडेला के इस इंटरव्यू पर प्रतिक्रिया देते हुए बाद में इतिहासकार रामचंद्र गुहा ने भा कहा कि मुझे खुशी है कि नडेला ने वही कहा जो वह सोचते हैं। देश में आईटी सेक्टर के लोगों के बीच नडेला ने अच्छा संदेश दिया है। लोगों को इस मसले पर बोलने के लिए अपना हिम्मत दिखाना चाहिए। 

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ठळक मुद्देसत्या नडेला ने कहा कि मैं बंग्लादेश से भारत आकर किसी व्यक्ति को इंफोसिस या किसी दूसरे संस्थान में सीईओ बनते देखना मेरे लिए खुशी की बात होगी।तकनीकी कंपनियों में कार्यरत 150 से अधिक भारतीय मूल के पेशेवरों ने पहली बार CAA और NRC के खिलाफ खुला पत्र लिखा है।

नागरिकता कानून को लेकर देश भर में हो रहे विरोध प्रदर्शन को ध्यान में रखते हुए माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ ने कहा कि सीएए पर देश में जो हालात बने हैं, वह निश्चित ही गलत है। सत्या नडेला ने कहा कि मैं बंग्लादेश से भारत आकर किसी व्यक्ति को इंफोसिस या किसी दूसरे संस्थान में सीईओ बनते देखना मेरे लिए खुशी की बात होगी।

इसके अलावा उन्होंने देश की हालात पर इतिहासकार रामचंद्र गुहा की बात पर भी समर्थन जताते हुए कहा कि देश के आईटी सेक्टर के लोगों को आगे आकर इस तरह के कानून के खिलाफ अपनी आवाज को बुलंद करना चाहिए। दरअसल, पिछले दिनों एक अंग्रेजी वेबसाइट को बज फीड को दिए गए अपने साक्षात्कार में नडेला ने ये बातें कही हैं। 

नडेला के इस इंटरव्यू पर प्रतिक्रिया देते हुए बाद में इतिहासकार रामचंद्र गुहा ने भा कहा कि मुझे खुशी है कि नडेला ने वही कहा जो वह सोचते हैं। देश में आईटी सेक्टर के लोगों के बीच नडेला ने अच्छा संदेश दिया है। लोगों को इस मसले पर बोलने के लिए अपना हिम्मत दिखाना चाहिए। 

इसके अलावा आपको बता दें कि गूगल, उबर, अमेजन और फेसबुक जैसे दिग्गज तकनीकी कंपनियों में कार्यरत 150 से अधिक भारतीय मूल के पेशेवरों ने पहली बार CAA और NRC के खिलाफ खुला पत्र लिखा है। अपने पत्र में इन दिग्गजों ने इन दोनों कानूनों को फासीवादी करार दिया है। पत्र के जरिए इन लोगों ने सत्य नडेला, अल्फाबेट इंक के CEO सुंदर पिचाई और रिलायंस के प्रमुख मुकेश अंबानी से कहा है कि वह केंद्र सरकार के इस कदम की सावर्जनिक रूप से निंदा करे।

इसके अलावा, पत्र में कहा गया है, 'CAA 2019 NRC के साथ संयुक्त रूप से एक व्यापक मुस्लिम विरोधी योजना है, जो मुसलमानों के लिए अधिक वैधानिकता और वैश्विक असमानता पैदा करेगी। भारत की स्थिति पहले ही आर्थिक गिरावट और जलवायु परिवर्तन के चलते बदतर होती जा रही है.'इसके साथ ही गूगल, उबर, अमेजन और फेसबुक जैसे दिग्गज तकनीकी कंपनियों में कार्यरत 150 से अधिक भारतीय मूल के पेशेवरों ने पहली बार CAA और NRC के खिलाफ खुला पत्र लिखा है। अपने पत्र में इन दिग्गजों ने इन दोनों कानूनों को फासीवादी करार दिया है। पत्र के जरिए इन लोगों ने सत्य नडेला, अल्फाबेट इंक के CEO सुंदर पिचाई और रिलायंस के प्रमुख मुकेश अंबानी से कहा है कि वह केंद्र सरकार के इस कदम की सावर्जनिक रूप से निंदा करे। 

टॅग्स :सत्य नाडेलाइंडियानरेंद्र मोदीनागरिकता संशोधन कानूनएनआरसी (राष्ट्रीय नागरिक पंजिका)
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