केंद्रीय मंत्री पॉन राधाकृष्णन ने बुधवार (17 अक्टूबर) को देश में चल रही '#MeToo' मुहिम पर विवादित बयान दिया है। उन्होंने कहा 'विकृत मानसिकता वाले लोगों' ने '#MeToo' मुहिम को शुरू किया है।इसके साथ ही उन्होंने महिलाओं से सवाल करते हुए कहा कि सालों पहले हुई घटनाओं पर अब आरोप लगाना कहां तक सही है।'
गौरतलब है कि बुधवार को केंद्रीय मंत्री पद से इस्तीफा देने को मजबूर हुए एमजे अकबर सहित कई जानी-मानी हस्तियां 'मीटू' मुहिम के लपेटे में आई हैं। उन पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगे हैं।
राजनीति में कदम रखने से पहले कई अखबारों के संपादक रह चुके अकबर पर कई महिला पत्रकारों ने यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए थे, जिसके बाद बुधवार को उन्हें केंद्रीय मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा।
केंद्रीय मंत्री राधाकृष्णन ने कहा, 'अगर कोई आरोप लगाता है कि ऐसी चीज हुई तो जब घटना हुई उस वक्त हम पांचवीं कक्षा में एक साथ खेल रहे थे, तो क्या यह उचित होगा?' उन्होंने कहा, 'यह (मीटू मुहिम) विकृत मानसिकता वाले कुछ लोगों के बर्ताव का नतीजा है।'
राधाकृष्णन ने कहा कि 'मीटू'मुहिम ने देश और महिलाओं की छवि खराब की है। उन्होंने सवाल किया कि क्या पुरुषों के लिए ऐसे ही आरोप लगाना सही रहेगा। उन्होंने कहा, 'वह तो बड़ा अपमान होगा।।।क्या यह स्वीकार्य होगा?'
'मीटू' मुहिम के तहत अभिनेता नाना पाटेकर, आलोक नाथ, फिल्मकार सुभाष घई, लेखक चेतन भगत, गायक कैलाश खेर और तमिल गीतकार वैरामुथु सहित कई हस्तियों पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगे हैं।