पटना,21 अक्टूबर: केन्द्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने आज यहां कहा है कि पूर्व केन्द्रीय मंत्री एमजे अकबर को पहले ही इस्तीफा दे देना चाहिए था। उन्होंने कहा है कि "मीटू" अभियान से घिरे एमजे अकबर का मामला उनकी पत्रकारीय पारी का है न कि राजनीतिक पारी का। रविशंकर प्रसाद आज यहां एक स्थानीय चैनल के साथ बातचीत के दौरान यह बात कही। इस दौरान उन्होंने कहा कि एनडीए में ऑल इज वेल है। जबकि महागठबंधन टूट रहा है। मायावती जी भाग रही हैं। बिहार में सीट बंटवारे को लेकर एनडीए में असमंजस की स्थिति पर केंद्रीय मंत्री ने कहा है कि बातचीत चल रही है।
भाजपा और जदयू में अच्छी समझदारी है। उचित समय पर निर्णय ले लिया जाएगा। हम अपने गठबंधन का सम्मान करते हैं। वहीं, बिहार में कानून और व्यवस्था के मुद्दे पर रविशंकर प्रसाद ने कहा है कि कार्रवाई हो रही है। लालू के शासन को याद कर लें। राज्य की कानून और व्यवस्था अच्छी है और कहीं कमियां हैं तो सरकार देख रही है और आगे भी देखेगी। भाजपा की ओर से गठबंधन सहयोगियों को अहमियत नहीं दिए जाने के आरोप को इनकार करते हुए उन्होंने कहा है कि हम रिश्ते निभाते हैं। 2014 में स्पष्ट बहुमत मिलने के बाद भी मोदी सरकार में गठबंधन के सहयोगियों को जगह दी गई।
हालांकि इस दौरान उन्होंने पटना साहिब सीट से भाजपा सांसद शत्रुघ्न सिन्हा के बागी तेवर पर कुछ टिप्पणी करने से मना कर दिया। पटना साहिब से लोकसभा के प्रत्याशी बनाए जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि पार्टी जो निर्णय करेगी, वह मानूंगा।
इस दौरान रविशंकर प्रसाद ने जेंडर जस्टिस का समर्थन करते हुए साफ-साफ कहा है कि महिलाओं का पूरा सम्मान होना चाहिए। वहीं, उन्होंने कहा कि हिंदुत्व हजारों वर्षों से इस देश की प्रेरणा है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हिंदुत्व एक जीवन शैली है और भाजपा इसी को मानती है। जबकि तीन तलाक के मुद्दे पर केंद्रीय मंत्री ने कहा है कि यह राजनीतिक मुद्दा नहीं है।
यह मुद्दा नारी न्याय, गरिमा और सम्मान से जुडा हुआ है। यह बदलाव की बात है लेकिन कांग्रेस नेता सोनिया गांधी के लिए यह वोट का मसला है। बैकडोर की राजनीति करने के आरोपों को नकारते हुए रविशंकर प्रसाद ने कहा है कि बाल स्वयंसेवक रह चुका, 12 वर्षों तक अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का काम कर चुका, 25 साल तक संगठन का काम करने वाला और 8 राज्यों का प्रभारी रहे नेता के लिए फ्रंट डोर या बैक डोर कोई मसला नहीं है।
उनके चुनाव नहीं लडने के सवाल पर उन्होंने कहा है कि यह पार्टी तय करेगी। आर्थिक आधार पर आरक्षण के मसले पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि जो बहुत गरीब हैं, उनके लिए अवसर की बात होनी चाहिए। इसके लिए कुछ लोग तनाव की स्थिति पैदा करने कोशिश करते हैं, यह सही नहीं है। अपने बेटे को राजनीति में लॉन्च करने से इनकार करते हुए उन्होंने कहा कि उनका बेटा केवल भाजपा युवा मोर्चा के लीगल सेल में काम करता है। उन्होंने कहा कि अगर वह राजनीति में नहीं होते तो वकील होते।