मेघालय के उपमुख्यमंत्री प्रेस्टोन तिनसोंग ने शनिवार को कहा कि पुलिसकर्मियों के साथ मुठभेड़ में एक प्रतिबंधित संगठन के एक पूर्व उग्रवादी की मौत के कुछ दिनों बाद राज्य के कई मंत्रियों और विधायकों को उस प्रतिबंधित संगठन से जबरन वसूली के नोटिस मिले हैं। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि राज्य पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है क्योंकि कई नेताओं को उनके मोबाइल फोन पर उग्रवादी संगठन से "आयकर के रूप में 10 लाख रुपये और उससे अधिक की मांग" के संदेश आए हैं। पुलिस ने 13 अगस्त की सुबह प्रतिबंधित हाइनिवट्रेप नेशनल लिबरेशन काउंसिल (एचएनएलसी) के पूर्व स्वघोषित महासचिव चेरिस्टरफील्ड थंगख्यू के घर पर छापा मारा, तब शिलांग के मावलाई और जयाव इलाकों में हिंसा भड़क उठी थी, जिस दौरान एक मुठभेड़ में थंगख्यू की मौत हो गई थी। . 2018 में आत्मसमर्पण करने वाले थंगख्यू की तब गोली मारी गयी , जब उसने राज्य में आईईडी विस्फोटों की एक श्रृंखला के सिलसिले में छापेमारी के दौरान एक पुलिस टीम पर चाकू से हमला करने की कोशिश की। तिनसोंग ने पीटीआई-भाषा से कहा, हम इस तथ्य से अवगत हैं कि मंत्रियों और विधायकों को ये (जबरन वसूली के नोटिस) मिले हैं और मामले की जांच की जा रही है। उन्होंने कहा कि पुलिस ऐसे लोगों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए मामले की जांच कर रही है, जिन्हें एसएमएस या वाट्सएप के जरिए संदेश मिले हैं। पुलिस अधिकारी ने बताया कि न केवल राजनेताओं बल्कि कई व्यवसायियों को भी विदेशों से उनके मोबाइल फोन पर संदेश प्राप्त हुए हैं। उन्होंने बताया, ‘‘आयकर के नाम पर 10 लाख रुपये और उससे अधिक की मांग की गई है। कई राजनेताओं और व्यवसायियों को एचएनएलसी को आयकर के रूप में राशि का भुगतान करने के लिए कहा गया है।
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