बिहार के गया में अनुराग बसु छोटे-छोटे बच्चों का मार्शल आर्ट की ट्रेनिग देते हैं। अनुराग वही शख्स हैं, जिन्होंने साल 2008 में हुए अहमदाबाद सीरियल ब्लास्ट के मुख्य आरोपी मोहम्मद अतीक उर्फ तौसीफ पठान को धर दबोचा था। एक साधारण सी जिंदगी जीने वाले अनुराग का हौसला था कि आतंकी गतिविधियों का आरोपी तौसीफ सलाखों के पीछे पहुंचा और उसके नापाक इरादों से हमारा समाज सुरक्षित है।
मार्शल आर्ट के माहिर जानकार अनुराग बसु इस कला में ब्लैक बेल्ट पा चुके हैं। अब तक 1600 बच्चों को मार्शल आर्ट जैसी आत्मरक्षा की तकनीक में पारंगत बना चुके अनुराग बसु की कहानी किसी फिल्म से कम नहीं है।
वो 13 सितंबर 2017 का दिन था, जब अनुराग बसु गया के सिविल लाइन थानाक्षेत्र के राजेंद्र आश्रम में साइबर कैफे की अपनी दुकान पर बैठे थे। तभी उनको इंडियन मुजाहिदीन के फरार आरोपी तौसीफ पठान की गतिविधियों पर शंका हुई, कुछ ही पल के बाद उनका शक यकीन में बदल गया और उन्होंने बिना समय गवाएं पठान को अपने कब्जे में ले लिया।
अनुराग मार्शल आर्ट के जानकार थे ही तो उनके सामने ढेर हुआ पठान मिन्नते करता रहा, धमकियां देता रहा लेकिन अनुराग पर पांच लाख के इनामी पठान की बातों का कोई असर नहीं हुआ। सूचना मिलने पर पुलिस पहुंची और पठान को अपने साथ ले गई, बाद में एनआईए ने तौसीफ पठान को अपनी कस्टडी में ले लिया।
सितंबर 2021 को इस मामले में अनुराग बसु ने कोर्ट को सूचना दी कि पठान के संदिग्ध आदमी उसका पीछा कर रहे हैं और बाकायदा उसकी रेकी हो रही है। जिस पर कोर्ट ने तुरंत गया पुलिस को आदेश दिया कि अनुराग बसु की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए। उससे पहले अनुराग बसु ने कोर्ट में अपनी गवाही दर्ज कराई और वीडियो वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये जज के सामने सीरियल ब्लास्ट के आरोपी तौसीफ पठान की शिनाख्त भी की।
वहीं सुरक्षा के मामले में कोर्ट के आदेश के पहले अनुराग बसु ने आरोप लगाया था कि वो बिहार सरकार से स्थायी सुरक्षा मांग रहे हैं लेकिन उन्हें कोई सुरक्षा नहीं दी जा रही है। ऐसे में अगर आतंकी उनके साथ कोई भी वारदात को अंजाम देते हैं तो इसकी सीधी जिम्मेदारी बिहार सरकार और पुलिस प्रशासन की होगी।
मालूम हो कि अनुराग बासु के द्वारा दबोचा गये आतंकी तौसीफ पठान ने पुलिस पूछताछ में अपने एक अन्य साथी सने अली खान के बारे में भी बताया। जिसको पुलिस ने डोभी के करमौनी से गिरफ्तार किया।
तौसीफ पठान इतना शातिर दिमाग का था कि पुलिस की निगाहों से बचने के लिए वह गणित की कोचिंग चलाता था लेकिन अपनी संदिग्ध गतिविधियों के कारण अनुराग बसु की नजर में आ गया और फिर अपने असली ठिकाने यानी जेल में पहुंच गया।