अलका लांबा के इस्तीफे को लेकर दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के बयान से दिल्ली की सियासी गरमाहट को शांत कर दिया है। मनीष सिसौदिया ने प्रेस कॉंन्फ्रेंस करके सिसोदिया ने अलका लांबा के इस्तीफे से जुड़े सभी खबरों को बेबुनियाद और अफवाह बताया है। सिसौदिया ने कहा कि अलका लांबा से कोई इस्तीफा नहीं मांगा है और न ही किसी से लिया गया है। ये सभी अफवाह है। बता दें कि दिल्ली विधानसभा ने 1984 के सिख विरोधी दंगे के कारण, भूतपूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी को प्रदान किया गया सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘‘भारत रत्न’’ वापस लेने की मांग वाला एक प्रस्ताव पारित किया गया। इसके बात कहा जा रहा था कि अलका लांबा ने इस्तीफा दे दिया है।
उप मुख्यमंत्री के बयान के बाद अलका लांबा ने कहा है कि मैं इस्तीफा नहीं दे रही हूं। वहीं, इस्तीफे को लेकर कपिल मिश्रा ने ट्वीट किया था कि ये सब ऑन रिकॉर्ड हैं, सदन की कार्यवाही का हिस्सा हैं, उसके बाद अलका लांबा ने पार्टी के अंदर इस प्रस्ताव का विरोध किया।" अलका लांबा ने इस प्रस्ताव के पास होने की खबर सोशल मीडिया पर शेयर की थी। इसके बाद पार्टी ने उनसे इस्तीफा मांग लिया गया है।
लांबा और सिसोदिया के बयान से कपिल मिश्रा के ट्वीट पर अब सवाल उठ सकता है। वहीं, इसे लेकर विधासनभा के स्पीकर ने सफाई दी है। रामनिवास गोयल ने बताया कि मूल प्रस्ताव 1984 दंगे से जुड़ा था और उसमें राजीव गांधी का नाम नहीं था। स्पीकर के मुताबिक विधायक जरनैल सिंह ने अपने भाषण में राजीव गांधी का नाम जोड़ा। बता दें कि सोशल पर बागी विधायक कपिल मिश्रा ने सदन की कार्यवाही का वीडियो शेयर किया है। इस वीडियो में आप विधायक जरनैल सिंह उस प्रस्ताव को पढ़ते हुए दिखाई दे रहे हैं।
कांग्रेस से मिला समर्थन
अलका लांबा के इस्तीफे के बाद कांग्रेस ने समर्थन किया है। कांग्रेस नेता अजय माकन ने ट्वीट करते हुए इस्तीफे को लेकर अलका लांबा को लेकर बधाई दी है। उन्होंने लिखा अगर ऐसा है, तो आपने सही करा अलका जी, राजीव जी देश के लिए शहीद हुए। हम उनकी क़ुर्बानी कैसे भूल सकते हैं? जो आज तक भाजपा भी नहीं कर पाई, वो भाजपा की B टीम, AAP ने कर दिया।