नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को रोम में होने वाले वैश्विक शांति सम्मेलन में शामिल होने से रोके जाने के केंद्र सरकार के फैसले पर भाजपा सांसद ने ही सवाल खड़े कर दिए हैं.
भाजपा के राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यन स्वामी ने ट्वीट करते हुए पूछा कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने रोम में होने जा रहे एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में शामिल होने से क्यों रोक दिया? कौन सा कानून उन्हें जाने से रोकता है?
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दरअसल, बनर्जी ने शनिवार को आरोप लगाया कि अक्टूबर में रोम में होने वाले एक वैश्विक शांति सम्मेलन के लिए केंद्र सरकार ने उन्हें मंजूरी देने से इनकार कर दिया.
मंजूरी नहीं जाने पर सवाल उठाते हुए ममता ने कहा कि केंद्र उनसे ईर्ष्या करता है और इसलिए उनका अपमान किया है. उन्होंने कहा कि इस दौरे से देश का गौरव जुड़ा है. बैठक में सभी धर्मों का प्रतिनिधित्व किया जाएगा. तुम सिर्फ हिंदुओं की बात करते हो... मुझे एक हिंदू के रूप में आमंत्रित किया गया था, आपने मुझे अनुमति क्यों नहीं दी? आप हिंदू धर्म के बारे में बहुत कुछ कहते हैं. यह जलन है. सिर्फ जलन.
ममता यहीं नहीं रुकीं बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मौजूदा अमेरिकी दौरे का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि कोई भी यूरोप, अमेरिका, ब्रिटेन या कहीं और नहीं जा सकता क्योंकि कोवैक्सिन को विश्व स्वास्थ्य संगठन से मान्यता नहीं मिली है, लेकिन हमारे प्रधानमंत्री ने विशेष अनुमति ली थी. हम प्रधानमंत्री के दौरे के खिलाफ नहीं हैं, उन्हें कई बार जाना पड़ता है, लेकिन आपने मुझे (राष्ट्र का) प्रतिनिधित्व क्यों नहीं करने दिया?
बता दें कि, अक्टूबर में रोम में एक वैश्विक शांति सम्मेलन का आयोजन होने जा रहा है, जिसमें पोप, काहिरा के अल-अजहर के ग्रैंड इमाम, जर्मन चांसलर और इटली के प्रधानमंत्री सहित कई अन्य गणमान्य सदस्य आमंत्रित हैं.
रोम के एक कैथोलिक संघ, संत एगिडियो के समुदाय के अध्यक्ष मार्को इम्पाग्लियाजो ने भारत से एकमात्र ममता बनर्जी को आमंत्रित किया है. इटली ने इस कार्यक्रम के लिए भारत को विशेष अनुमति भी दी है जबकि पाकिस्तान, श्रीलंका, बांग्लादेश आदि कोविड के कारण प्रतिबंधित हैं.