लद्दाख के गलवान घाटी में हुई खूनी झड़प के मुद्दे पर कुछ ही देर में भारत और चीन के बीच मेजर जनरल स्तर की वार्ता होगी। यह जानकारी समाचार एजेंसी एएनआई ने सेना के सूत्रों के हवाले से दी है। लद्दाख के कुछ इलाकों में 5 मई से चीनी सैनिकों ने भारी जमावड़ा लगाया हुआ है। इससे पहले 6 जून को शीर्ष सैन्य अधिकारियों के बीच बैठक हुई थी। इसमें लेह स्थित 14वीं कोर के जनरल ऑफिसर कमांडिंग लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह और चीनी पक्ष से कमांडर मेजर जनरल लिऊ लिन के बीच बातचीत हुई थी।
भारतीय सेना हाई अलर्ट पर
पूर्वी लद्दाख में गलवान घाटी में भारतीय और चीनी सेनाओं के बीच झड़प के मद्देनजर चीन के साथ लगी करीब 3,500 किलोमीटर की सीमा पर भारतीय थल सेना और वायु सेना के अग्रिम मोर्चे पर स्थित ठिकानों हाई अलर्ट पर हैं। भारतीय नौसेना को हिंद महासागर क्षेत्र में अपनी सतर्कता बढ़ा देने को कहा गया है, जहां चीनी नौसेना की नियमित तौर पर गतिविधियां होती हैं।
सूत्रों ने बताया कि सीडीएस जनरल बिपिन रावत और सेना के तीनों अंगों के प्रमुखों के साथ रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की उच्च स्तरीय बैठक के बाद तीनों बलों के लिए अलर्ट का स्तर बढ़ाने का निर्णय किया गया। उन्होंने बताया कि अरूणाचल प्रदेश, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास अग्रिम मोर्चे पर तैनात सभी ठिकानों और टुकड़ियों के लिए सेना पहले ही अतिरिक्त जवानों को भेज चुकी है।
सूत्रों ने बताया कि सशस्त्र बल चीनी सेना की किसी भी आक्रामक कार्रवाई का दृढ़ता के साथ जवाब देंगे। इस दौरान, दोनों सेनाओं के मेजर जनरल स्तर की वार्ता का एक और दौर हुआ, जिस दौरान गतिरोध वाले बिंदुओं पर दोनों पक्षों के बीच एक समझौते को लागू करने के तरीकों पर चर्चा की गई।