नासिक: देशभर में इन दिनों कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए लॉकडाउन जारी है। ऐसे में लॉकडाउन की वजह से इलाका शांत हो गया है जिसके बाद गिद्ध शहर की तरफ आना शुरू हो गए हैं। वैसे गिद्ध सुनसान इलाकों में रहते हैं। नासिक के वन अधिकारी एस.आर. मशायक ने कहा कि कल जंगल के पीछे वाले हिस्से में एक जानवर मरा पड़ा था जिसे पूरी तरह खत्म करके ही वो वापस गए। उन्होंने कहा कि 10 साल बाद गिद्धों को इस इलाके में देखा गया है।
नासिक वन विभाग ने कहा कि वन विभाग में आयोजित होने वाले 'नासिक वनराय' में 30-40 लंबे-लंबे बिल वाले गिद्ध शामिल हुए। प्रकृति के सफाईकर्मी माने जाने वाले गिद्ध विलुप्त होने की कगार पर हैं। उनकी उपस्थिति शहर की प्राकृतिक फूड चेन के विकास के लिए शुभ मानी जाती है।
बता दें कि कोरोना वायरस के प्रकोप पर लगाम लगाने के मद्देनजर देश भर में प्रभावी लॉकडाउन के चलते नगर वासियों को प्रदूषण से राहत मिली है। एक तरफ जहां हवा साफ है, सड़कों पर शोरगुल बंद है, चिड़ियों की चहचहाहट फिर से सुनाई दे रही है। वहीं तेंदुए, हाथी से लेकर हिरण और यहां तक कि बिलाव जैसे जंगली जानवरों के भी शहरी भारत के कई हिस्सों में नजर आने की खबरें सामने आ रही हैं।
कोविड-19 वैश्विक महामारी के चलते जहां इंसान घरों के भीतर रहने को मजबूर हैं वहीं पक्षी और जानवर उन इलाकों में फिर से नजर आन लगे हैं जो कभी उनके ही हुआ करते थे। यह सोचना सुखद है कि प्रकृति अपने घाव भर रही है- खासकर 24 मार्च से प्रभावी हुए अभूतपूर्व बंद के बाद से। लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि यह सब अच्छी खबर नहीं है क्योंकि शहरी केंद्रों में जंगली जानवरों का नजर आना जारी है। इसी हफ्ते की शुरुआत में चंडीगढ़ की सड़कों पर एक तेंदुआ घूमता नजर आया था।