छत्रपति संभाजीनगरःमहाराष्ट्र के बीड जिले में बाढ़ के कारण जलमग्न सड़क पर एक कार के बह जाने से उसमें सवार एक व्यक्ति की मौत हो गई, जबकि तीन अन्य को बचा लिया गया। अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी। एक अधिकारी ने बताया कि घटना रविवार मध्य रात्रि को परली के कौडगांव हुडा-कासरवाड़ी मार्ग पर हुई। उन्होंने बताया कि चार लोग परली में एक विवाह समारोह में शामिल होने के बाद दिग्रस लौट रहे थे, तभी उनकी कार जलमग्न सड़क पर बह गई। सूचना मिलने के बाद पुलिस उप-मंडलीय अधिकारी ऋषिकेश शिंदे, सहायक पुलिस निरीक्षक गोरक्षनाथ दहीफले और थाना प्रभारी उत्तरेश्वर केदार स्थानीय लोगों की मदद से सही स्थान पर पहुंचे। पुलिस ने एक व्यक्ति को स्थानीय नदी के किनारे फंसा हुआ पाया, जो उफान पर थी।
पुलिस की एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि वे रस्सी की मदद से व्यक्ति को बचाने में कामयाब रहे। विज्ञप्ति में कहा गया है कि इसके बाद उन्होंने उस स्थान से लगभग 300 मीटर दूर फंसे दो अन्य व्यक्तियों की आवाजें सुनीं, जो नदी के दूसरी ओर से मदद के लिए चिल्ला रहे थे और उन्हें भी बचा लिया। विशाल बल्लाल नामक कार सवार को बचाया नहीं जा सका और बाद में उसका शव बरामद कर लिया गया।
ठाणे में चार महीनों में बारिश संबंधी घटनाओं में 20 लोगों की मौत; 1,800 मिमी से अधिक बारिश दर्ज
महाराष्ट्र के ठाणे जिले में पिछले चार महीनों में बारिश से जुड़ी अलग-अलग घटनाओं में कम से कम 20 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि इस मानसून में जिले में अब तक 1,842.9 मिमी वर्षा दर्ज की गई है। यह जानकारी मंगलवार को एक वरिष्ठ अधिकारी ने दी। जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के मुख्य कार्यकारी अधिकारी संदीप माने ने बताया कि मई से अब तक हुई इन मौतों का कारण पेड़ गिरना, डूबना, बिजली गिरना और करंट लगना आदि रहे हैं। उन्होंने कहा कि ठाणे शहर में सोमवार को सबसे ज्यादा 69 मिमी बारिश हुई। जिले में एक दिन में कुल 119.7 मिमी वर्षा दर्ज की गई।
अब तक जिले में उसके मौसमी औसत की 70.8 प्रतिशत वर्षा हो चुकी है। माने के अनुसार, सबसे ज्यादा 11 मौतें कल्याण तालुका में हुईं, जबकि शाहापुर में पांच, मुरबाद में तीन और ठाणे तालुका में एक व्यक्ति की मौत दर्ज की गई। इस दौरान 11 लोग घायल भी हुए।
बारिश से संबंधित घटनाओं में 337 घर आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए, जिनमें से पांच मकान सोमवार को प्रभावित हुए। इसके अलावा, 13 मवेशियों की मौत हुई और अंबरनाथ में 20 परिवारों को बचाकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाना पड़ा।
भारी बारिश के कारण बंबई उच्च न्यायालय में दोपहर तक ही कामकाज हुआ
बंबई उच्च न्यायालय ने मंगलवार को मुंबई में लगातार हो रही भारी बारिश के चलते अपनी कार्यवाही दोपहर बारह बज कर तीस मिनट तक ही सीमित रखी। सामान्य तौर पर उच्च न्यायालय में सुबह 11 बजे से शाम पांच बजे तक कार्य होता है। भारी बारिश की वजह से शहर में जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। निचले इलाकों में पानी भर गया है।
बारिश की वजह से सड़क और रेल यातायात प्रभावित हुआ, जबकि सरकारी कार्यालयों को भी बंद करना पड़ा। उच्च न्यायालय की ओर से सुबह जारी एक नोटिस में कहा गया कि खराब मौसम और भारी वर्षा की चेतावनी को देखते हुए तथा वकीलों और कर्मचारियों को आवागमन में हो रही दिक्कतों के कारण अदालतें केवल दोपहर बारह बज कर तीस मिनट तक ही कार्य करेंगी।
सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को दोपहर एक बजे तक कार्यालय छोड़ने की अनुमति दी गई है। रविवार और सोमवार के बाद मंगलवार को भी मूसलाधार बारिश जारी रही, जिससे आम जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ। इस बीच, कई वकीलों ने सोमवार और मंगलवार को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से अदालत में अपनी दलीलें पेश कीं।
भारत मौसम विभाग ने मुंबई और आसपास के जिलों में मंगलवार को ‘रेड अलर्ट’ जारी किया है और कुछ स्थानों पर अत्यधिक भारी वर्षा की आशंका जताई है। मौसम विभाग देश में मौसम संबंधी अलर्ट जारी करने के लिए चार रंगों का उपयोग करता है। ये रंग और इनके संदेश.... ग्रीन (किसी कार्रवाई की जरूरत नहीं), येलो (नजर रखें और निगरानी करते रहें), ऑरेंज (तैयार रहें) और रेड (कार्रवाई/सहायता की जरूरत) हैं।