मुंबई: मालवन के राजकोट किले में छत्रपति शिवाजी महाराज की मूर्ति गिरने को लेकर चल रहे विवाद के बीच महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने गुरुवार को कहा कि वह मराठा योद्धा के चरणों में अपना सिर रखने और 100 बार माफी मांगने के लिए तैयार हैं। शिंदे का यह बयान उपमुख्यमंत्री अजीत पवार द्वारा अपनी चल रही 'जनसमन यात्रा' के दौरान मूर्ति गिरने के लिए माफी मांगने के एक दिन बाद आया है। मुख्यमंत्री ने हालांकि विपक्ष से इस मामले में 'राजनीति' न करने की अपील की, बल्कि सरकार से इस बारे में बात करने को कहा कि कैसे जल्द से जल्द एक नई और भव्य मूर्ति बनाई जा सकती है।
शिंदे ने कहा, "ऐसे कई मुद्दे हैं जिन पर राजनीति की जानी चाहिए। छत्रपति शिवाजी महाराज हम सबकी पहचान हैं और वे हमारे भगवान हैं। कृपया इसका राजनीतिकरण न करें। मैं उनके चरणों में सिर रखकर एक बार नहीं बल्कि सौ बार माफी मांगूंगा। हम उनके बताए रास्ते पर चलकर राज्य का कामकाज चला रहे हैं। इसलिए मैं उनके सामने सिर झुकाता हूं।"
उन्होंने आगे कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज को विरोधियों को सद्बुद्धि देनी चाहिए ताकि वे इस मुद्दे में राजनीति न लाएं। "भारतीय नौसेना के अधिकारियों ने मांग की है कि राजकोट किले के परिसर और पूरे परिसर को संरक्षित क्षेत्र घोषित किया जाए ताकि वे वहां एक नई प्रतिमा का निर्माण शुरू कर सकें।
उन्होंने कहा, "बुधवार रात को हमारी बैठक हुई। नई प्रतिमा के निर्माण के लिए दो समितियां गठित की गई हैं, जिनमें आईआईटी के इंजीनियर, नौसेना के अधिकारी और अन्य लोग शामिल हैं। जल्द ही उस स्थान पर एक भव्य प्रतिमा स्थापित की जाएगी।"
उन्होंने आगे कहा, "एक समिति प्रतिमा के गिरने के कारणों की जांच करेगी और इसके लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई का सुझाव देगी। छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा बनाने के अनुभव वाले मूर्तिकारों और विशेषज्ञों तथा इस कार्य को पूरा करने के लिए इंजीनियरों और नौसेना के अधिकारियों को शामिल करके एक और समिति गठित की जाएगी।"