Maharashtra: बॉलीवुड फिल्म 'छावा' जबसे सिनेमाघरों में आई है तब से देशभर में औरंगजेब और मुगल शासनकाल का विरोध हो रहा है। दर्शक फिल्म को देख मुगल काल की बुराईयां कर रहे हैं वहीं, अब नेता भी इसमें पीछे नहीं है।
इसी कड़ी में, महाराष्ट्र समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अबू आजमी जिन्होंने औरंगजेब की तारीफ कर अपने लिए मुसीबत बढ़ा ली है। अबू आजमी मुगल शासक औरंगजेब की प्रशंसा करने वाले अपने विवादित बयान के कारण कानूनी मुसीबत में फंस गए है क्योंकि उनके खिलाफ कई मामले दर्ज किए गए हैं।
उनके बयान से लोगों में आक्रोश फैल गया है, जिसके चलते शिवसेना (शिंदे गुट) ने उनके खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है। महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री और शिवसेना प्रमुख एकनाथ शिंदे ने भी आजमी के खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज करने की मांग की है।
शिवसेना ने दर्ज कराई शिकायत शिवसेना (शिंदे गुट) ने मुंबई के मरीन ड्राइव पुलिस स्टेशन में अबू आजमी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है। पूर्व विधायक और शिवसेना प्रवक्ता किरण पावस्कर ने पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर सपा नेता के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर पुलिस से संपर्क किया। पार्टी ने उनके खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज करने की मांग की है।
इसके अलावा, शिवसेना सांसद नरेश म्हास्के ने बीएनएस की धारा 299, 302, 356 (1) और 356 (2) के तहत एक अलग शिकायत दर्ज कराई। जिसके बाद ठाणे पुलिस ने वागले एस्टेट पुलिस स्टेशन में आजमी के खिलाफ मामला दर्ज किया। उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई आगे और बढ़ने की उम्मीद है। म्हास्के ने यह भी आरोप लगाया कि मुगल शासक औरंगजेब की प्रशंसा करने वाले अबू आजमी के बयान से धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं।
पुलिस ने अबू आजमी के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) (भारतीय दंड संहिता) की धारा 299, 302 और 356 के तहत मामला दर्ज किया है। ये धाराएं गंभीर अपराधों से संबंधित हैं, जिससे समाजवादी पार्टी के नेता के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की संभावना बढ़ गई है।
अबू आजमी ने क्या कहा?
महाराष्ट्र सपा अध्यक्ष के रूप में कार्यरत अबू आजमी ने सोमवार को विवादित टिप्पणी करते हुए कहा कि इतिहास में औरंगजेब को गलत तरीके से चित्रित किया गया है। उन्होंने दावा किया कि औरंगजेब एक क्रूर शासक नहीं था और उसने कई मंदिर भी बनवाए थे।
आजमी ने एक घटना का हवाला दिया जिसमें औरंगजेब के एक कमांडर ने वाराणसी में एक पुजारी की बेटी के साथ कथित तौर पर दुर्व्यवहार किया था। उनके अनुसार, औरंगजेब ने कमांडर को दो हाथियों के बीच बांधकर फांसी देने का आदेश दिया था। कृतज्ञता के प्रतीक के रूप में, पुजारियों ने बाद में औरंगजेब के सम्मान में एक मस्जिद का निर्माण किया। आज़मी ने आगे कहा कि औरंगजेब एक कुशल प्रशासक था और उसने अपने कार्यों को उचित ठहराते हुए कहा कि उसकी स्थिति में कोई भी शासक ऐसा ही करता।
इसके अलावा, आज़मी ने दावा किया कि औरंगजेब के शासनकाल के दौरान, भारत की जीडीपी 24% थी और देश को "सोने की चिड़िया" कहा जाता था। उन्होंने आरोप लगाया कि कई ऐतिहासिक तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया है और औरंगजेब को गलत तरीके से बदनाम किया गया है।
आज़मी के बयानों ने राजनीतिक नेताओं, खासकर सत्तारूढ़ शिवसेना-भाजपा गठबंधन से कड़ी प्रतिक्रियाएँ शुरू कर दी हैं। उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग ने जोर पकड़ लिया है, कई लोगों ने उनकी टिप्पणी को राष्ट्र-विरोधी बताया है। पुलिस जांच आगे बढ़ने और राजनीतिक नेताओं द्वारा आज़मी की तीखी आलोचना जारी रहने के कारण विवाद और बढ़ने की उम्मीद है।