भारत की पहली कॉर्पोरेट ट्रेन तेजस एक्सप्रेस एक बार फिर लेट हो गई है। जिसके कारण कई यात्रियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा। बीते सोमवार को सप्तक्रांति एक्सप्रेस से सांड की टक्कर हो गई थी। जिसके के बाद कई ट्रेनें बाधित हुई। उसमें तेजस एक्सप्रेस भी शामिल थी। इसबार भी आईआरसीटीसी को यात्रियों को मुआवजा देना पड़ेगा। ट्रेन में लगभग 604 यात्री सफर कर रहे थे। 100 रुपये की दर से आईआरसीटीसी यात्रियों को 64,400 रुपये मुआवजे का भुगतान करेगा।
दरअसल, बीते सोमवार तेजस एक्सप्रेस सप्तक्रांति के पीछे आ रही थी। फिरोजाबाद के पास एक सांड अचानक सप्तक्रांति एक्सप्रेस से टकरा गया। इससे ट्रेन के इंजन ने काम करना बंद कर दिया। सप्तक्रांति के पीछे तेजस सहित कई ट्रेनें जहां- तहां खड़ी हो गई। इसकी जानकारी एनसीआर के अफसरों को हुई, तो उन्होंने आनन-फानन में दूसरा इंजन भेजकर सप्तक्रांति एक्सप्रेस के चलाने का इंतजाम किया। जिसके चलते तेजस एक्सप्रेस ट्रेन सवा घंटा लेट हो गई थी।
विगत 19 अक्टूबर को भी लखनऊ जंक्शन पर कृषक एक्सप्रेस का कोच डिरेल हो गया था। इस वजह से तेजस ट्रेन करीब साढ़े तीन घंटे लेट हो गई थी। इसके अंदर 950 यात्री सफर कर रहे थे। आईआरसीटी को तेजस के सभी यात्रियों को 250 रुपये के हिसाब से 1.62 लाख रुपये का मुआवजा देना पड़ा था।