महाराष्ट्र के अहमदनगर के पारनेर से कांग्रेस विधायक निलेश लंके को 'लोकमत महाराष्ट्रीयन ऑफ द ईयर अवॉर्ड 2020' से सम्मानित किया गया है. उन्हें यह सम्मान लॉकडाउन के दौरान दिन-रात लोगों की सेवा करने के लिए मिला है.
कौन हैं निलेश लंके
जनता लॉकडाउन में घर में, लेकिन विधायक उनकी सेवा में दिन-रात एक किए हुए हैं. यही दृश्य राज्य की एक तहसील में देखने को मिला. वह तहसील थी, अहमदनगर जिले की पारनेर तहसील और नेता थे विधायक नीलेश लंके.
किस काम के लिए मिला पुरस्कार
लॉकडाउन की घोषणा के दूसरे ही दिन उन्होंने नगर-पुणे महामार्ग पर सुपा में अन्नछत्र स्थापित कर दिया. 68 दिन चले इस अन्नथत्र में महामार्ग के जरिये गांवों की ओर लौट रहे हजारों परप्रांतीय मजदूरों की भूख मिटाई. इतना ही नहीं तो नंगे पैर गांवों की ओर निकले मजदूरों को चप्पलें भी दी गईं.
तहसील के गरीब परिवारों को 95 लाख रु. की किराना सामग्री वितरित की गई. तहसील के मेंढपाल समाज अपनी भेड़-बकरियों के साथ कोकण और मावला में फंसा हुआ था. उन्हें भी मदद पहुंचाई गई. जिला परिषद स्कूलों के लिए सॉफ्टवेयर ऑनलाइन शाला विकसित किया गया.
एक हजार बेड का कोविड सेंटर तैयार किया गया. वहां उपचार के साथ भोजन, लाइब्रेरी, खेलों का भी पूरा इंतजाम था. इस सेंटर के भोजन की ख्याति कुछ ऐसी थी कि शरद पवार को भी कहना पड़ा, ‘विधायक साहब आप अगर हर रोज इतना बढ़िया खाना देंगे तो लोग घरों की बजाय कोविड सेंटर में ही रहना पसंद करेंगे.
जब दूसरे राज्यों के मजदूरों को अपने गांव जाने की अनुमति मिली तो लंके ने 200 वाहनों के जरिये उन्हें उनके घरों तक पहुंचाया. खास बात यह कि विधायक ने यह सब काम लोगों से चंदा जुटाकर किया. हमें विधायक नीलेश लंके को ‘लोकमत महाराष्ट्रीयन ऑफ द ईयर’ पुरस्कार देते हुए खुशी हो रही है.