आईएएस अधिकारी अतीक कुमार पांडे को सोमवार को 'लोकमत महाराष्ट्रीयन ऑफ द ईयर अवॉर्ड 2020' से सम्मानित किया गया. पांडे को औरंगाबाद नगर निगम के आयुक्त के रूप में कई पहल के लिए पुरस्कार मिला. उन्हें दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अवार्ड से सम्मानित किया.
कौन हैं आस्तिक कुमार
जब कोई अधिकारी अपनी आंखों में सपने लेकर किसी शहर में आता है तो वह कुछ ऐसा कर दिखाता है, जिसके लिए उसे हमेशा याद किया जाता है. औरंगाबाद महानगर पालिका के प्रशासक आस्तिक कुमार पांडेय उन्हीं अधिकारियों में से एक हैं.
किस काम के लिए किया गया सम्मानित
आस्तिक ने कार्यभार संभालते हुए अपने ही अधिकारी पर प्लास्टिक की थैली में बुके लाने पर पांच हजार रुपए का दंड लगाकर पहले सबको अनुशासन का पाठ पढ़ाया. उसके बाद गली-मोहल्लों में पहुंचकर कचरा, ड्रेनेज, टूटे रास्ते, अतिक्रमण और पानी की समस्या से जमीनी स्तर पर जाकर मुकाबला किया.
आपने बहुत कम समय में अपने दबंग अंदाज और लोगों से सीधा संवाद रखकर औरंगाबाद शहर के लोगों के बीच अपनी एक अलग पहचान बना ली. उसके बाद जब वैश्विक महामारी कोरोना का संकट सिर पर आया तो पर्यटन और उद्योग के लिए पहचान रखने वाले शहर की जिम्मेदारी आपके कंधों पर थी.
एक तरफ महानगर पालिका के निर्वाचित सदस्यों का कार्यकाल खत्म होना और दूसरी तरफ महामारी के मुंह से शहर को निकालने की बड़े चुनौती आस्तिक कुमार के कंधों पर आयी. कोविड-19 टास्क फोर्स, वार रूम, हेल्पलाइन, कोरोना पीड़ितों के लाने-ले जाने की व्यवस्था और जांच अभियान को मिशन मोड में चलाते हुए आस्तिक कुमार ने शहर में शून्य से सीधे दो हजार आइसोलेशन बैड तैयार किए.
बाद में उनकी संख्या पांच हजार तक पहुंचायी. उसके बाद आपके कुशल मार्गदर्शन में औरंगाबाद ने कोरोना पर नियंत्रण पाया. पिछले दिनों आस्तिक कुमार पांडेय के प्रयासों से ही औरंगाबाद महानगर पालिका को 953 पदों को भरने की अनुमति मिली है.
इन दिनों शहर की समस्याओं से लड़ते हुए औरंगाबाद को कैसे अधिक स्मार्ट शहर बनाया जाए, इस पर आस्तिक कुमार पांडेय की नजर है. हमें उन्हें लोकमत महाराष्ट्रियन ऑफ द इयर पुरस्कार देते हुए प्रसन्नता का अनुभव हो रहा है.