नई दिल्ली: लोकसभा सांसद और शिरोमणि अकाली दल (अमृतसर) के प्रमुख सिमरनजीत सिंह मान ने कहा कि अमृतपाल सिंह को आत्मसमर्पण नहीं करना चाहिए और इसके बजाय पाकिस्तान भाग जाना चाहिए। उन्होंने कहा, "उसे आत्मसमर्पण नहीं करना चाहिए, उसे रावी नदी पार करनी चाहिए और पाकिस्तान जाना चाहिए। 1984 में भी हम पाकिस्तान गए थे न?"
इंडिया टुडे के अनुसार, उन्होंने कहा कि अमृतपाल का पाकिस्तान भागना सिख इतिहास द्वारा उचित है क्योंकि उनकी जान को खतरा है और सरकार हम पर अत्याचार कर रही है। उनकी टिप्पणी 1984 की उन घटनाओं को संदर्भित करती है जो अंततः सिख विरोधी दंगों का कारण बनीं। तत्कालीन पीएम इंदिरा गांधी ने जरनैल सिंह भिंडरावाले और अन्य खालिस्तानी आतंकवादियों का सफाया करने के लिए ऑपरेशन ब्लू स्टार का आदेश दिया था।
बाद में उनके सिख अंगरक्षकों द्वारा उनकी हत्या कर दी गई और उनकी मृत्यु पर नाराजगी के कारण 1984 में सिख नरसंहार हुआ। ऑपरेशन ब्लू स्टार का नेतृत्व करने वाले लेफ्टिनेंट जनरल केएस बराड़ ने कहा था कि इस बात की प्रबल संभावना है कि पाकिस्तान ने खालिस्तानी अलगाववादियों की मदद की होती और अलग देश की घोषणा की होती तो वह मान्यता प्राप्त कर लेता।
सिमरनजीत का बयान ऐसे समय में आया है जब खुफिया जानकारी मिली थी कि अमृतपाल अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में अकाल तख्त, बठिंडा में तख्त दमदमा साहिब या रूपनगर जिले के आनंदपुर साहिब में तख्त श्री केशगढ़ साहिब में बैसाखी की पूर्व संध्या से पहले आत्मसमर्पण कर सकता है। पंजाब पुलिस 18 मार्च से अमृतपाल सिंह का पीछा कर रही है।
इस पीछा ने अमृतपाल सिंह को कम से कम चार अलग-अलग राज्यों पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और उत्तर प्रदेश में शरण लेने के लिए मजबूर किया। खोज शुरू होने के 11 दिन बाद अमृतपाल सिंह ने यूट्यूब पर एक वीडियो जारी कर दुनिया भर के सिखों से एक बड़े कारण के लिए एकजुट होने की अपील की। वीडियो में उसने उन घटनाओं के बारे में बताया जो उस पर पुलिस की कार्रवाई शुरू होने के बाद हुई थीं।