Karnataka: भाजपा विधायक अवैध खनन मामले में पुलिस को दे रहे थे 'धमकी', केस हुआ दर्ज
By आशीष कुमार पाण्डेय | Updated: May 20, 2024 09:36 IST2024-05-20T09:34:34+5:302024-05-20T09:36:48+5:30
कर्नाटक में पुलिस ने बीते रविवार को बेलथांगडी विधायक हरीश पूंजा के खिलाफ अवैध खनन मामले में गिरफ्तार किए गए पार्टी के एक कार्यकर्ता को रिहा करने के लिए कथित रूप से दबाव डालने के आरोप में मामला दर्ज किया है।

फाइल फोटो
बेंगलुरु: कर्नाटक में पुलिस ने बीते रविवार को बेलथांगडी विधायक हरीश पूंजा के खिलाफ अवैध खनन मामले में गिरफ्तार किए गए पार्टी के एक कार्यकर्ता को रिहा करने के लिए कथित रूप से दबाव डालने के आरोप में मामला दर्ज किया है।
समाचार वेबसाइट हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार पुलिस ने बताया कि यह घटना तब हुई जब भाजपा विधायक पूंजा और उनके समर्थकों ने शनिवार रात अवैध खनन के आरोपियों की रिहाई की मांग करते हुए बेलथांगडी पुलिस स्टेशन पर धावा बोल दिया था।
पुलिस ने कहा कि मेलानटाबेट्टू गांव में अवैध खनन के बारे में एक गुप्त सूचना पर कार्रवाई करते हुए उन्होंने एक पत्थर की खदान पर छापा मारा और एक हिताची मशीन, एक ट्रैक्टर, चार जीवित गोला बारूद और चार खाली राउंड सहित विभिन्न सामान जब्त किए थे।
आरोपियों के खिलाफ विस्फोटकों के अवैध कब्जे सहित कई धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया, जिसमें भाजपा के युवा मोर्चा तालुक अध्यक्ष शशीराज शेट्टी की गिरफ्तारी हुई। हालांकि, एक अन्य आरोपी प्रमोद उजिरे, जो कि भाजपा से है, मौके से फरार हो गया है। पुलिस उसकी सक्रियता से तलाश कर रही है।
जानकारी के अनुसार शेट्टी की गिरफ्तारी के बाद विधायक पूंजा कथित तौर पर उनकी रिहाई की मांग करते हुए समूह को लेकर बेलथांगडी पुलिस स्टेशन आये। जहां विधायक ने अपने समर्थकों के साथ कथित तौर पर धरना दिया और शेट्टी को रिहा करने के लिए पुलिस पर कथित तौर पर दबाव डाला।
एक पुलिस अधिकारी के साथ पूंजा की तीखी नोकझोंक का एक वीडियो रविवार को सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। वीडियो में पूंजा को कथित तौर पर पुलिस के अधिकार पर सवाल उठाते और इसमें शामिल अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने की धमकी देते हुए देखा जा सकता है।
पुलिस ने कहा कि दबाव के बावजूद, शशिराज शेट्टी के खिलाफ मामला दर्ज किया गया और उन्हें अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।
दक्षिण कन्नड़ जिले के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक एमएन धर्मप्पा ने कहा, “विधायक ने पुलिस अधिकारियों का अपमान किया और पुलिस को उनके आधिकारिक कर्तव्यों के निर्वहन में भी बाधा डाली। हमने उस पर आईपीसी की धारा 353 (एक लोक सेवक को उसके कर्तव्य के निर्वहन से रोकने के लिए हमला या आपराधिक बल) और 504 (जानबूझकर अपमान) के तहत मामला दर्ज किया है और जांच जारी है।"