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लोकसभा चुनाव 2019: बिहार महागठबंधन में मची रार, सुपौल, मधुबनी और मधेपुरा में उम्मीदवारों के खिलाफ बगावत

By निखिल वर्मा | Updated: April 16, 2019 14:33 IST

मधेपुरा सीट पर महागठबंधन के उम्मीदवार शरद यादव के खिलाफ पप्पू यादव निर्दलीय मैदान में उतर गए हैं जबकि उनकी पत्नी रंजीत रंजन सुपौल से कांग्रेस प्रत्याशी हैं।

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ठळक मुद्देउपेंद्र कुशवाहा पर पूर्वी चम्पारण सीट बेचने का आरोप लगा है।मधुबनी से आरजेडी नेता अली अशरफ फातमी भी चुनाव लड़ने जा रहे हैं।

बिहार में महागठबंधन में टिकट बंटवारे के बावजूद रार थमने का नाम नहीं ले रहा है। महागठबंधन उम्मीदवार के खिलाफ सुपौल में आरजेडी तो मधुबनी में  कांग्रेसी नेताओं ने बगावती तेवर अपना लिया है। वहीं मधेपुरा सीट पर महागठबंधन के उम्मीदवार शरद यादव के खिलाफ पप्पू यादव निर्दलीय मैदान में उतर गए हैं जबकि उनकी पत्नी रंजीत रंजन सुपौल से कांग्रेस प्रत्याशी हैं।

शकील अहमद ने दिया कांग्रेस से इस्तीफा

बिहार के मधुबनी से टिकट नहीं मिलने से नाराज कांग्रेस नेता शकील अहमद ने सोमवार को पार्टी के वरिष्ठ प्रवक्ता पद से इस्तीफा देने का ऐलान किया। अहमद ने ट्वीट किया, ''मैंने मधुबनी लोकसभा सीट से नामांकन दाखिल करने का फैसला किया है। मैं कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता पद से इस्तीफा दे रहा हूं। मैं राहुल गांधी को इस्तीफा भेज रहा हूं।'' दरअसल, गठबंधन के तहत मधुबनी की सीट 'विकासशील इंसान पार्टी ' (वीआईपी) के खाते में चली गयी है। अहमद पहले भी मधुबनी से सांसद रहे हैं। वह इस सीट से टिकट मांग रहे थे।

अली अशरफ फातमी भी कूदे मैदान में

विकासशील इन्सान पार्टी (वीआईपी) ने शनिवार को राजद के पूर्व नेता बद्रीनाथ पूर्वे को मधुबनी लोकसभा सीट से अपना उम्मीदवार घोषित किया है। वीआईपी द्वारा जारी एक विज्ञप्ति के अनुसार, पार्टी के संस्थापक अध्यक्ष मुकेश साहनी ने इस की घोषणा की, जो खुद खगड़िया से चुनाव लड़ रहे हैं। 

वीआईपी राज्य की कुल तीन सीटों पर चुनाव लड़ रही है, जिनमें से तीसरा मुजफ्फरपुर है जहां से राजभूषण चौधरी की उम्मीदवारी की घोषणा की गई है। पूर्वे के सामने भाजपा के अशोक यादव होंगे, जिनके पिता हुकुमदेव नारायण यादव मधुबनी से सांसद हैं, जिन्होंने सक्रिय राजनीति से संन्यास की घोषणा की है।

बता दें कि आरजेडी से टिकट नहीं मिलने से नाराज पूर्व केंद्रीय मंत्री मोहम्मद अली अशरफ फातमी ने पार्टी के खिलाफ बगावत कर दी और मधुबनी लोकसभा सीट से महागठबंधन उम्मीदवार के खिलाफ चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी। फातमी ने पार्टी को एक अल्टीमेटम भी दिया और कहा कि वह मधुबनी सीट से नामांकन पत्र दाखिल करने के लिए 18 अप्रैल तक पार्टी के फैसले का इंतजार करेंगे। 

सुपौल में रंजीत रंजन मुश्किल में

सुपौल में महागठबंधन की गांठ लगातार बढ़ती जा रही है। आरजेडी जिला कमेटी की बैठक में सुपौल से कांग्रेस प्रत्याशी सह निवर्तमान सांसद रंजीत रंजन का विरोध करने के निर्णय लिया है। आरजेडी जिलाध्यक्ष यदुवंश यादव ने आरोप लगाया कि मधेपुरा के वर्तमान सांसद पप्पू यादव बंदूक से डराते हैं। बता दें कि पप्पू यादव सुपौल से कांग्रेस प्रत्याशी रंजीत रंजन के पति हैं।

मधेपुरा में फंसे शरद यादव

मधेपुरा सीट से लोकसभा चुनाव 2014 में पप्पू यादव ने शरद यादव को मात दी थी। शरद यादव 1991, 1996, 1999 और 2009 में इस सीट से जीत हासिल कर चुके हैं। उन्हें इस सीट पर लालू प्रसाद यादव और पप्पू यादव ने दो-दो बार हराया है।

पिछले लोकसभा चुनाव के समय शरद यादव जेडीयू में थे और इस बार वह आरजेडी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं। सुपौल आरजेडी जिलाध्यक्ष यदुवंश यादव साफ कहते हैं कि मंडल के मसीहा शरद यादव को नरेंद्र मोदी और अमीत शाह के थैली के बल पर हराने की साजिश को भलीभांति समझते हैं। मधेपुरा और सुपौल आसपास की सीटें हैं, कांग्रेस कार्यकर्ता दुविधा में फंस गए हैं कि वो किसका साथ दें।

रालोसपा को 5 सीटें देने पर सवाल

लोकसभा चुनाव 2014 में रालोसपा मुखिया उपेंद्र कुशवाहा एनडीए में शामिल थे और उनकी पार्टी ने तीन सीटों पर जीत हासिल की थी। अब रालोसपा में सिर्फ कुशवाहा ही बचे हैं, उनके दो अन्य साथी सांसद दल छोड़ चुके हैं।

इसके बावजूद महागठबंधन में कुशवाहा की पार्टी को 5 सीटें दी गई है। रालोसपा के पास खुद के उम्मीदवार भी नहीं है। पार्टी ने पश्चिमी चम्पारण लोकसभा सीट से बृजेश कुमार कुशवाहा और पूर्वी चम्पारण  से आकाश कुमार सिंह को अपना उम्मीदवार बनाया है। जमुई लोकसभा सीट से रालोसपा से भूदेव चौधरी लड़ रहे हैं।

काराकाट और उजियारपुर दो लोकसभा सीटों से उपेंद्र कुशवाहा मैदान में है। जबकि पूर्वी चम्पारण में उम्मीदवार आकाश कुमार सिंह बिहार कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश सिंह के बेटे हैं। उन्हें रालोसपा से टिकट मिलने पर विरोध भी हुआ है।

बिहार के सीतामढ़ी से मौजूदा सांसद रामकुमार शर्मा उपेंद्र कुशवाहा पर लेाकसभा चुनाव के लिए टिकट बेचने का आरोप लगाते हुए कहा कि मोतिहारी (पूर्वी चंपारण) सीट के टिकट के लिए तीन लोगों से पैसे वसूले गए। रामकुमार ने दावा किया, 'मैंने रालोसपा के राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) से अलग होने का विरोध किया था। इस बात से उपेंद्र नाराज थे। इसी वजह से सीतामढ़ी सीट रालोसपा ने नहीं ली और पार्टी ने मुझे लोकसभा का टिकट नहीं दिया।'

उन्होंने कहा, कुशवाहा को लगा कि काराकाट से जीत नहीं मिलने वाली तो उजियारपुर से भी चुनाव लड़ रहे हैं। शर्मा ने कहा, 'कुशवाहा ने मोतिहारी सीट का टिकट देने के लिए पहले प्रदीप मिश्रा से पैसे लिए। इसके बाद माधव आनंद से भी टिकट के नाम पर पैसे वसूल लिए और बाद में यहां से आकाश कुमार सिंह से पैसा लेकर टिकट दे दिया गया। आकाश रालोसपा के सदस्य भी नहीं थे।

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