लाइव न्यूज़ :

उत्तर प्रदेश के बाहुबली नेता ने लॉन्च की अपनी पार्टी, सपा-बसपा के लिए झटका, बीजेपी मिलेगा 2019 में फायदा ?

By जनार्दन पाण्डेय | Updated: November 16, 2018 12:54 IST

रघुराज प्रताप सिंह समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी दोनों को ही समर्थन देते रहे हैं। वे अंतिम समय में निर्णायक भूमिका रहने के लिए और अपने साहसी फैसलों के‌ लिए जाने जाते हैं।

Open in App

उत्तर प्रदेश के बाहुबली विधायक राज भइया ने शुक्रवार को आधि‌कारिक तौर पर अपनी नई पार्टी का ऐलान कर दिया। उनकी नई पार्टी का नाम है, "जनसत्ता पार्टी"। राजा भइया उर्फ रघुराज प्रताप सिंह ने शुक्रवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोमित कर अपनी पार्टी को लेकर आधिकारिक घोषणा की। 

इस मौके पर उन्होंने कहा कि प्रदेश में महिलाओं की स्थिति निराशाजनक स्तर तक बिगड़ चुकी है। ऐसे में मौजूदा सभी पा‌र्टियों की मंसा प्रदेश की स्थिति में सुधार की नहीं है। इसलिए उन्हें अपनी पार्टी बनानी बड़ रही है।

इस मौके पर उन्होंने कहा, मैंने राजनीति में 25 साल पूरे कर लिए हैं। इस वक्त मैं एक निर्दलीय नेता ओर विधायक हूं। इसलिए मैंने यह तय कि अब मुझे अपनी पार्टी बना लेनी चाहिए। मैंने इलेक्‍शन कमीशन से पार्टी के रज‌िस्ट्रेशन के लिए आग्रह कर दिया है।

उल्लेखनीय है कि रघुराज प्रताप सिंह समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी दोनों को ही समर्थन देते रहे हैं। वे अंतिम समय में निर्णायक भूमिका रहने के लिए और अपने साहसी फैसलों के‌ लिए जाने जाते हैं।

राजा भइया इलाहाबाद से सटे जिले प्रतापगढ़ से हैं। जिले और आसपास की करीब पांच सीटों पर उनका प्रभाव माना जाता है। हालांकि राजा भइया के आगे के प्‍लान हैं अभी उन्होंने साफ नहीं किया है। वे लोकसभा में कितनी सीटों की तैयारी कर रहे हैं इस पर भी अभी उन्होंने अपने पत्ते नहीं खोले है। उन्होंने कहा अभी वह चुनाव आयोग का इंतजार करेंगे।

हाल ही में उत्तर प्रदेश में अखिलेश यादव के चाचा शिवपाल यादव ने भी नई पार्टी की घोषणा की और अपने साथ 40 से ज्यादा छोटी पार्टियों के होने का दावा किया था। ऐसे में आगामी लोकसभा चुनाव में जब 25 सालों की दुश्मन बहुजन समाज पार्टी और समाजवादी पार्टी को एक साथ चुनाव लड़ते देखा जा सकता है, वहीं इनके ही मजबूत पिलर रहे लोगों को इनके खिलाफ चुनाव लड़ते भी देखा जा सकता है।

बीजेपी को होगा फायदा?

उत्तर प्रदेश में राजनैतिक समीकरण इस साल के शुरुआत में बीजेपी के दृष्टिकोण से बेहद खराब हो गए थे जब लोकसभा उपचुनाव में पार्टी योगी आदित्यनाथ की सीट नहीं बचा पाई थी। अमित शाह टीवी इंटरव्यू में कहने लगे थे कि यूपी सपा-बसपा के साथ होने से हमें फर्क पड़ता है।

अब जैसे-जैसे चुनावी मौसम करीब आ रहे हैं परिस्थितियां करवट बदलती जा रही हैं। बीजेपी और छोटे दलों के गठबंधन ने 2014 के आम चुनावों में यूपी की 80 में से 73 सीटें जीती थीं। अब चाहे रघुराज प्रताप सिंह की नई पार्टी बनाना होना हो, शिवपाल यादव की नई पार्टी बनाना हो, जिसकी प्रमुख सदस्या और मुलायम की बहू खुद ही बीजेपी का सपोर्ट करती रही हैं।

या फिर शिवपाल खेमे को अमर सिंह का सपोर्ट हो, जो खुलकर मोदी के सम‌र्थन में हैं। ऐसे में यह माना जा रहा है कि राजा भइया की नई पार्टी आने से बीजेपी को नुकसान के बजाए फायदा होगा, जबकि बसपा और सपा को इससे नुकसान होगा।

टॅग्स :लोकसभा चुनाव
Open in App

संबंधित खबरें

भारतLok Sabha polls: एनडीए को अगले आम चुनाव में 400 सीट?, केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने कहा-विपक्ष की सीट कम होंगी, सामाजिक न्याय देने वाला बजट

भारतModi New Cabinet Nityanand Rai: 1981 से संघ परिवार से जुड़े, एबीवीपी में शामिल, जानें कौन हैं नित्यानंद राय

भारतब्लॉग: जितनी अधिक सहूलियत, उतना कम मतदान

भारतLok Sabha Elections 2024 Model Code of Conduct: 16 मार्च से लागू आदर्श आचार संहिता हटाई गई, निर्वाचन आयोग ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को विजयी उम्मीदवारों की सूची सौंपी

भारतLok Sabha Election Result 2024 Trends: 241 सीट पर आगे भाजपा, लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री बनकर देश की बागडोर संभालेंगे पीएम मोदी, राहुल गांधी की टीम से टक्कर

भारत अधिक खबरें

भारतशशि थरूर को व्लादिमीर पुतिन के लिए राष्ट्रपति के भोज में न्योता, राहुल गांधी और खड़गे को नहीं

भारतIndiGo Crisis: सरकार ने हाई-लेवल जांच के आदेश दिए, DGCA के FDTL ऑर्डर तुरंत प्रभाव से रोके गए

भारतबिहार विधानमंडल के शीतकालीन सत्र हुआ अनिश्चितकाल तक के लिए स्थगित, पक्ष और विपक्ष के बीच देखने को मिली हल्की नोकझोंक

भारतBihar: तेजप्रताप यादव ने पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ कुमार दास के खिलाफ दर्ज कराई एफआईआर

भारतबिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का नाम हुआ लंदन के वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज, संस्थान ने दी बधाई