प्रयागराज:उत्तर प्रदेश में टिड्डी दल का खतरा फिलहाल टला नहीं है। यूपी के प्रयागराज (इलाहाबाद) जिले में टिड्डी दलों ने हमला बोल दिया है। जिसको लेकर किसान अलर्ट हो गए हैं। कृषि विभाग टिड्डियों के खात्मे के लिए प्लान तैयार कर रहा है। टिड्डियों को भगाने के लिए स्थानीय लोगों बर्तन बजा रहे हैं। पड़ोसी देश पाकिस्तान से निकला टिड्डियों का दल बुधवार (10 जून) को प्रयागराज के सैदाबाद प्रखंड के गांवों में पहुंचा। कृषि अधिकारी और गांव के लोग फसलों की रक्षा के लिए कोशिश कर रहे हैं। सोशल मीडिया पर कई लोगों ने प्रयागराज में टिड्डी दल के हमले की तस्वीरें और वीडियो पोस्ट की है। शहर में लोग अपने घरों के दरवाजे और खिड़कियां बंद रख रहे हैं।
प्रयागराज के जिला कृषि रक्षा अधिकारी ने कहा- टिड्डियों का यह दल 2 किलोमीटर चौड़ा और 5 किलोमीटर लंबा है
प्रयागराज के जिला कृषि रक्षा अधिकारी इंद्रजीत यादव ने ‘पीटीआई भाषा’ को बताया कि टिड्डियों का यह दल 2 किलोमीटर चौड़ा और पांच किलोमीटर लंबा है और इस दल में करोड़ों की संख्या में टिड्डी शामिल हैं। बुधवार को इसने फसलों को कोई खास नुकसान नहीं पहुंचाया। उन्होंने बताया कि मंगलवार को टिड्डी दल कोरांव ब्लाक के कल्याणपुर और इटवा कला के बीच सक्रिय था जो बुधवार को मेजा और करछना होते हुए सैदाबाद विकास खंड के गांवों में पहुंच गया।
तकनीकी टीम क्लोरपाइरीफास दवा का छिड़काव कर रही है और ग्रामीण लोग थाली टिन बजाकर टिड्डी को भगा रहे हैं। यादव ने बताया कि मंगलवार को टिड्डी दल ने कोरांव में आम, महुआ जैसे कई वृक्षों को आंशिक नुकसान पहुंचाया है।
कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा था- टिड्डी दल को रोकने के लिए विदेशों से मशीनें मंगायी जा रही है
केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने पिछले हफ्ते कहा था कि देश में टिड्डी दल को रोकने के लिए ड्रोन से छिड़काव करने की योजना पर काम चल रहा है और इसके लिए विदेशों से मशीनें मंगाई जा रही है। वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये मीडिया से बात करते हुए तोमर ने कहा था, टिड्डी दल को रोकने के लिए ड्रोन से छिड़काव करने की योजना पर काम चल रहा है और इसके लिए विदेश से मशीनें मंगाई जा रही है। कोरोना संकट के कारण लॉकडाउन हो गया, जिसके कारण समय रहते ये मशीनें नहीं आ सकी। लेकिन, अब जून और जुलाई के अंत तक मशीनें मिल जाएंगी, जिससे तेजी से टिड्डी दल को नियंत्रित किया जा सकेगा।
उन्होंने बताया था कि अभी ज्यादा चिंता की बात नहीं है, क्योंकि समय पर सूचना मिलने के कारण टिड्डी दल को नियंत्रित करने का काम शुरू हो गया है। उम्मीद है कि सितंबर महीने के अंत तक यह प्रकोप पूरी तरह काबू में होगा। उन्होंने बताया कि अभी तक 57 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में टिड्डी दल के नुकसान को रोका गया है। उन्होंने कहा कि जो भी फसल को नुकसान होगा, उसका आकलन राज्य सरकारें करेंगी और रिपोर्ट केन्द्र को भेजेगी।