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कर्नाटक में कमल, कुमारस्वामी का इस्तीफा, जानें कैसे सिर्फ 23 दिन में गिर गई JDS-कांग्रेस सरकार

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: July 24, 2019 08:20 IST

कर्नाटक विधानसभा में सदस्यों की कुल संख्या 224 है। इनमें से सिर्फ 204 विधायकों ने वोट किया जबकि 19 सदस्य वोटिंग के दौरान गैर हाजिर रहे। विधानसभा अध्यक्ष के. आर. रमेश ने वोट नहीं किया।

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ठळक मुद्दे23 जुलाई: विश्वास प्रस्ताव गिरा। उसके पक्ष में 99 और विपक्ष में 105 वोट पड़े। 14 माह पुरानी सरकार गिरी। 18 जुलाई: कुमारस्वामी ने विधानसभा में अविश्वास प्रस्ताव पेश किया।

कर्नाटक में एचडी कुमारस्वामी सरकार विश्वास मत हासिल करने में विफल रही। इसी के साथ करीब 14 महीने पुरानी कांग्रेस और जद (एस) गठबंधन सरकार गिर गई है। पिछले 21 दिनों से जारी सियासी संकट और चार दिनों से विश्वास प्रस्ताव चल रही चर्चा के बाद मंगलवार शाम को हुई वोटिंग में सत्ता पक्ष को महज 99 वोट मिले जबकि भाजपा को 105 वोट मिले।

सरकार गिरने के बाद भाजपा विधायक एक-दूसरे को बधाई देते दिखे। भाजपा आज विधायक दल की बैठक करेगी। जिसके बाद बी. एस. येदियुरप्पा चौथी बार सीएम बन सकते हैं। राज्य में करीब 15 दिन पहले कांग्रेस और जद (एस) के 16 विधायकों के इस्तीफे के बाद यह राजनीतिक संकट गहराया था। कांग्रेस नेता सिद्धारमैया ने भाजपा पर कुमारस्वामी सरकार गिराने और विधायकों को रिश्वत देने का आरोप लगाया है। कर्नाटक विधानसभा में सदस्यों की कुल संख्या 224 है। इनमें से सिर्फ 204 विधायकों ने वोट किया जबकि 19 सदस्य वोटिंग के दौरान गैर हाजिर रहे। विधानसभा अध्यक्ष के. आर. रमेश ने वोट नहीं किया।

23 दिनों का राजनीतिक घटनाक्रम

1 जुलाई: विजयनगर के विधायक आनंद सिंह ने औने-पौने दाम पर 3,667 एकड़ जमीन जेएसडब्ल्यू स्टील को बेचने को लेकर अपनी नाखुशी प्रकट करते हुए विधानसभा से इस्तीफा दिया। 6 जुलाई: कांग्रेस के नौ और जदएस के तीन विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष के कार्यालय में उनकी गैर हाजिरी में इस्तीफा सौंपा। 7 जुलाई : मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी अमेरिका यात्रा से लौटे। 8 जुलाई: सभी मंत्रियों ने बागियों को शांत/संतुष्ट करने के वास्ते उन्हें मंत्रिमंडल में शामिल किये जाने के लिए अपने अपने पार्टी नेताओं को इस्तीफा दिया। दो निर्दलीय विधायकों एच नागेश और आर शंकर ने मंत्री पद से इस्तीफा दिया और सरकार से समर्थन वापस लिया। उन्होंने भाजपा को समर्थन देने का ऐलान किया। 9 जुलाई: कांग्रेस ने पार्टी विधायक दल की बैठक बुलायी, 20 विधायक नहीं पहुंचे। एक अन्य विधायक रौशन बेग ने विधानसभा से इस्तीफा दिया। 10 जुलाई: दो और कांग्रेस विधायकों एम टी बी नागराज और डॉ. के सुधाकर ने इस्तीफा दिया। 17 जुलाई: उच्चतम न्यायालय ने अपने अंतरिम आदेश में व्यवस्था दी कि 15 बागी विधायकों को वर्तमान विधानसभा सत्र की कार्यवाही में हिस्सा लेने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता। 18 जुलाई: कुमारस्वामी ने विधानसभा में अविश्वास प्रस्ताव पेश किया।

19 जुलाई: राज्यपाल वजूभाई वाला ने शुक्रवार तक ही मुख्यमंत्री को बहुमत साबित करने के लिए दो समयसीमाएं तय कीं। कुमारस्वामी ने निर्देश का उल्लंघन किया। विधानसभा 22 जुलाई तक स्थगित की गयी। 23 जुलाई: विश्वास प्रस्ताव गिरा। उसके पक्ष में 99 और विपक्ष में 105 वोट पड़े। 14 माह पुरानी सरकार गिरी। 

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