भीमा-कोरेगांव हिंसा मामले में गुरुवार (चार जनवरी) को गुजरात के विधायक जिग्नेश मेवाणी और जेएनयू के छात्रनेता उमर खालिद के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। पुणे के विश्रामबाग पुलिस ने आईपीसी की धारा 153 ए, 505 और 117 के तहत केस दर्ज किया गया है। पुलिस ने मुंबई में होने वाले जिग्नेश मेवाणी और उमर खालिद के कार्यक्रम को भी अनुमति नहीं दी।
मामले को लेकर मुंबई पुलिस ने कहा कि अगर उन्हें कार्यक्रम की अनुमति दी जाती है तो कानून-व्यवस्था बिगड़ सकती है। इसके बाद जिग्नेश समर्थकों ने हंगामा शुरू कर दिया और नारेबाजी कर जमकर प्रदर्शन किया। पुलिस ने प्रदर्शन कर रहे कई कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया है।
गौरतलब है कि जिग्नेश मेवाणी ने बीते साल 31 दिसंबर को भीमा-कोरेगांव में भाषण दिया था, जिसमें उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर इशारों ही इशारों टिप्पणी की थी। उन्होंने कहा था कि गुजरात के बाद पूरे देश में हम 56 इंच के सीने को फाड़कर रख देंगे। इस देश के प्रधानमंत्री जब गुजरात के मुख्यमंत्री हुआ करते थे, तब उन्होंने 'कर्मयोगी' किताब लिखी थी।
आगे जिग्नेश ने कहा था कि सफाईकर्मियों को सफाई करने में आध्यात्मिकता का आनंद मिलता है। यही नव-पेशवाई है। मैं प्रधानमंत्री से अपील करता हूं कि वो यहां आएं और दलितों के साथ एक दिन गटर में उतरें और नव-पेशवाई का आनंद लें। इससे उन्हें पता चलेगा कि नव-पेशवाई क्या है।