लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ की जेल में बंद केरल के पत्रकार सिद्दीक कप्पन को रिहाई मिल गई है। मनी लॉन्ड्रिंग मामले में फंसे सिद्दीक को 28 महीने बाद गुरुवार को जेल ने रिहा कर दिया गया है। गौरतलब है कि सिद्दीक को लगभग दो साल पहले यूपी पुलिस ने गिफ्तार किया था, जब वह हाथरस जा रहा था।
दरअसल, हाथरस में दलित महिला के साथ बलात्कार के बाद उसकी मौत हो गई थी। पुलिस का आरोप था कि कप्पन के वहां जाने का इरादा इलाके में अशांति फैलाना था। बता दें कि कप्पन और अन्य तीन लोगों पर प्रतिबंधित संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया से संबंध रखने और हिंसा भड़काने की साजिश रचने का आरोप लगाया गया था।
सुप्रीम कोर्ट ने दी जमानत
सिद्दीक कप्पन पर आतंकवाद रोधी कानून यूएपीए के तहत राजद्रोह का मामला दर्ज किया गया था। पिछले साल फरवरी में प्रवर्तन निदेशालय ने उन पर मनी लॉन्ड्रिंग का मामले में भी शिकायत दर्ज की थी। इसमें प्रतिबंधित संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया से रुपये लेने का आरोप शामिल है। सितंबर 2022 में कप्पन को आतंकवाद के मामले नें सुप्रीम कोर्ट ने जमानत दे दी थी। हालांकि, ईडी की ओर से मनी लॉन्ड्रिंग केस के कारण उन्हें जेल में ही रहना पड़ा था।
वहीं, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में कप्पन को 23 दिसंबर को जमानत दे दी थी। कप्पन को जमानत से रिहा होने के लिए मुचलके की जरूरत थी, जिसे बुधवार को अदालत में पेश करने के बाद उनकी रिहाई हो सकी है। जेल से रिहा होने के बाद कप्पन ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि उन्हें झूठे आरोप में फंसाया गया था। वह अब जेल से बाहर है इसकी उन्हें खुशी है। वह अपनी रिहाई के लिए मीडिया और तमाम उन लोगों का शुक्रिया कहना चाहते हैं जिन्होंने उनका साथ दिया था।