भारतीय चिकित्सा संघ (IMA) ने कोरोना की तीसरी लहर के खतरे के बीच केरल सरकार को बकरीद पर ढील दिए जाने को लेकर चेतावनी दी है। आईएमए ने कहा है कि केरल सरकार अगर पाबंदियों में ढील देने का फैसला वापस नहीं लेती है तो वो इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएगी।
आईएमए ने कहा कि केरल सरकार के फैसले से उसे 'दुख' पहुंचा है क्योंकि राज्य में मामले बढ़ रहे हैं। आईएमए ने कहा कि यहां तक कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भीड़-भाड़ के खिलाफ आगाह किया है और कई राज्यों में तीर्थयात्रा आदि रद्द किए गए हैं।
आईएमए ने एक बयान में कहा, 'जब उत्तर के कई राज्यों ने जैसे जम्मू-कश्मीर, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड आदि ने लोगों की सुरक्षा को देखते हुए लोकप्रिय और पुरानी पारंपरिक यात्राओं को रद्द किया है, ऐसे में ये दुर्भाग्यपूर्ण है कि केरल ने ऐसा फैसला लिया।'
गौरतलब है कि केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने शनिवार को कोविड संबंधी पाबंदियों में कुछ ढील देने की घोषणा की थी। इसके तहत बकरीद पर कपड़ा, जूते-चप्पल की दुकानों, आभूषण, फैंसी स्टोर, घरेलू उपकरण बेचने वाली दुकानों, इलेक्ट्रॉनिक दुकानों सहित आवश्यक सामान बेचने वाली दुकानों को 18, 19 और 20 जुलाई को सुबह सात बजे से रात आठ बजे तक कई क्षेत्रों में खोलने की अनुमति दी गई है।
केरल कांग्रेस की चुप्पी पर अभिषेक मनु सिंघवी ने जताया ऐतराज
केरल में बकरीद के मौके पर दुकानों को खोले जाने के फैसले पर राज्य में कांग्रेस पार्टी ने चुप्पी साध रखी है। वहीं कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने केरल सरकार के फैसले पर ऐतराज जताया है।
भिषेक मनु सिंघवी ने ट्वीट किया कि अगर कांवड़ यात्रा गलत है, तो बकरीद पर पाबंदियों में ढील देना भी गलत है। खासकर ऐसे राज्य में जो फिलहाल कोविड-19 के केन्द्रों में शुमार है।
उन्होंने ट्वीट किया, 'केरल सरकार द्वारा बकरीद समारोह के लिए 3 दिनों की छूट प्रदान करना निंदनीय है क्योंकि राज्य फिलहाल कोविड-19 के केन्द्रों में से एक है। अगर कांवड़ यात्रा गलत है, तो बकरी पर सार्वजनिक समारोह की छूट देना भी गलत है।'
बताते चलें कि केरल में ए, बी, सी श्रेणी वाले इलाकों में बकरीद पर दुकानें आदि खोलने की अनुमति दी गई है। वहीं, डी श्रेणी के इलाकों में इन दुकानों को केवल 19 जुलाई को खोलने की अनुमति होगी। दरअसल, जिन इलाकों में संक्रमण दर पांच फीसदी से कम है वे ए श्रेणी में हैं, पांच से दस फीसदी संक्रमण वाले क्षेत्र बी श्रेणी में, दस से 15 फीसदी वाले क्षेत्र सी श्रेणी में और 15 फीसदी से अधिक संक्रमण वाले क्षेत्र डी श्रेणी में हैं।
(भाषा इनपुट)