नई दिल्ली: सिद्धारमैया के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार को एक बड़ा झटका लगा है। कर्नाटक हाई कोर्ट की धारवाड़ बेंच ने उस आदेश पर रोक लगा दी है, जिसमें प्राइवेट संगठनों को सरकारी जगहों पर कोई भी एक्टिविटी करने से पहले इजाज़त लेना ज़रूरी था। इस सरकारी आदेश को राज्य में आरएसएस की एक्टिविटीज़ को टारगेट करने वाला माना जा रहा था।
जस्टिस नागप्रसन्ना की सिंगल-जज बेंच ने इस निर्देश पर अंतरिम रोक लगा दी और अगली सुनवाई 17 नवंबर को तय की। सरकार का यह आदेश, जिसे आरएसएस से जुड़ी एक्टिविटीज़ को रोकने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा था, अगली सुनवाई तक सस्पेंड रहेगा।
सरकार के इस निर्देश के खिलाफ पुनाश्चैतन्य सेवा संस्था ने याचिका दायर की थी, जिसमें कहा गया था कि यह आदेश प्राइवेट संगठनों के कानूनी काम करने के अधिकारों का उल्लंघन करता है। इस महीने की शुरुआत में जारी किया गया यह सरकारी आदेश, जिस पर अब रोक लगा दी गई है, सार्वजनिक और सरकारी प्रॉपर्टी के इस्तेमाल के लिए खास गाइडलाइंस बताता है।
इसमें कहा गया था कि कोई भी प्राइवेट या सामाजिक संगठन सरकारी स्कूलों, कॉलेज के मैदानों या दूसरी संस्थाओं की जगहों पर संबंधित डिपार्टमेंट के हेड की लिखित मंज़ूरी के बिना कोई भी इवेंट, मीटिंग या कल्चरल प्रोग्राम आयोजित नहीं कर सकता। इस आदेश में ज़िला प्रशासन को यह भी निर्देश दिया गया था कि वे कर्नाटक भूमि राजस्व और शिक्षा अधिनियमों के तहत किसी भी उल्लंघन के खिलाफ कार्रवाई करें।