बेंगलुरु: कर्नाटक सरकार ने कड़ा निर्णय लेते हुए हुक्का से जुड़े किसी भी उत्पाद की बिक्री और उपभोग को लेकर प्रतिबंध लगा दिया। सरकारी आदेश की मानें तो हुक्का की बिक्री, खरीद, प्रचार, मार्केटिंग और उपभोग पर तत्काल प्रभाव से बैन किया।
इस मानक के तहत दिया आदेशकर्नाटक सरकार ने इस आदेश को (सिगरेट और तंबाकू उत्पाद, 2003) कोटपा, बाल देखभाल एवं संरक्षण अधिनियम 2015, खाद्य सुरक्षा एवं गुणवत्ता अधिनियम 2006, कर्नाटक विष (कब्जा और बिक्री) नियम 2015, नियंत्रण और अग्नि सुरक्षा अधिनियम और इससे संबंधित धाराओं के तहत जारी किया है।
कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री दिनेश गुंडू राव ने 7 फरवरी को हुक्का पर राज्यव्यापी प्रतिबंध लगाने का आदेश जारी किया। मंत्री के अनुसार, यह निर्णय सार्वजनिक स्वास्थ्य और युवाओं की सुरक्षा के लिए लिया गया था। यह राज्यव्यापी हुक्का प्रतिबंध विश्व स्वास्थ्य संगठन ग्लोबल एडल्ट टोबैको सर्वे-2016-17 (गैट्स-2) के डेटा द्वारा समर्थित है। हुक्का पर प्रतिबंध लगाने वाले आदेश में हुक्का और संबंधित सामग्री की बिक्री, विज्ञापन और हुक्का के कारोबार पर भी रोक है।
WHO के आंकड़ें क्या कहते हैं..विश्व स्वास्थ्य संगठन के आंकड़ें के अनुसार, कर्नाटक में 22.8 फीसदी युवा तंबाकू खाते हैं, जबकि 8.8 फीसदी धूम्रपान में लिप्त हैं। रिपोर्ट में सीधे तौर पर रेखांकित किया गया है कि यह खतरे का निशान है कि 23.9 फीसदी वयस्क सार्वजनिक स्थानों पर सेकेंड-हैंड धूम्रपान करते हैं। रिपोर्ट में प्रदर्शित किया है कि कर्नाटक में तंबाकू सेवन के व्यापक जोखिम को दर्शाती है।