कर्नाटक विधानसभा के अध्यक्ष के आर रमेश कुमार ने कांग्रेस के तीन बागी विधायकों को दलबदल विरोधी कानून के तहत अयोग्य ठहराया था। अयोग्य ठहराये ये तीनों विधायक रमेश जारकीहोली, महेश कुमातल्ली और शंकर ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। तीनों विधायकों ने सुप्रीम कोर्ट में कर्नाटक विधानसभा के अध्यक्ष के आर रमेश के फैसले के खिलाफ याचिका दायर की है।
कर्नाटक विधानसभा के अध्यक्ष के आर रमेश कुमार ने फैसला किया था कि तीनों विधायकों के इस्तीफे ‘‘स्वैच्छिक एवं स्वाभाविक नहीं हैं’’ और इसलिए उन्हें 2023 में मौजूदा विधानसभा का कार्यकाल खत्म होने तक तत्काल प्रभाव से दलबदल विरोधी कानून के तहत अयोग्य करार दिया। अपना फैसला सुनाते हुए अध्यक्ष ने कहा कि वह अगले कुछ दिनों में शेष 14 मामलों पर फैसला करेंगे। स्पीकर ने कहा कि वह ‘‘अगले कुछ दिन में’’ 14 अन्य विधायकों के संबंध में उनके पास लंबित इस्तीफे और अयोग्यता याचिकाओं पर फैसला करेंगे।
23 जुलाई को विधानसभा में हुए शक्ति-परीक्षण में कुमारस्वामी सरकार अल्पमत में आ गई थी। कुमारस्वामी द्वारा पेश विश्वास प्रस्ताव के पक्ष में 99 और विरोध में 105 मत पड़े थे। इस तरह कुमारस्वामी सरकार के विश्वासमत हारने के बाद तीन सप्ताह से चले आ रहे सियासी नाटक का पटाक्षेप हो गया था। कांग्रेस और जद (एस) की अयोग्यता की मांग वाली याचिकाओं और विधायकों के इस्तीफे पर कुमार के फैसले को अन्य बागियों को कड़े संदेश के रूप में देखा जा रहा है। अन्य बागी विधायक अब भी मुंबई में डेरा डाले हुए हैं और उनका कहना है कि वे विधानसभा सदस्यता छोड़ने के अपने फैसले से पीछे नहीं हटेंगे।