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कर्नाटक: लोकायुक्त प्रमुख ने एसीबी को संस्था के तहत लाने की मांग उठाई, कहा- न हो राज्य सरकार के अधीन

By विशाल कुमार | Updated: January 25, 2022 08:29 IST

गुरुवार को अपना कार्यकाल पूरा कर रहे निवर्तमान लोकायुक्त प्रमुख जस्टिस पी. विश्वनाथ शेट्टी ने सोमवार को कहा कि बेहतर होगा कि एसीबी लोकायुक्त के पास हो न कि राज्य सरकार के अधीन। एक रिट याचिका हाईकोर्ट के समक्ष लंबित है और यह दुखद खबर है कि इसका निपटारा होना बाकी है।

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ठळक मुद्देकर्नाटक के लोकायुक्त प्रमुख जस्टिस पी. विश्वनाथ शेट्टी गुरुवार को अपना कार्यकाल पूरा कर रहे हैं।जस्टिस शेट्टी ने कहा कि बेहतर होगा कि एसीबी लोकायुक्त के पास हो न कि राज्य सरकार के अधीन।उन्होंने कहा कि एक रिट याचिका लंबित है और यह दुखद खबर है कि इसका निपटारा होना बाकी है।

बेंगलुरु:कर्नाटक के निवर्तमान लोकायुक्त प्रमुख जस्टिस पी. विश्वनाथ शेट्टी ने कहा है कि जनहित मांग करता है कि भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) को स्वतंत्र निगरानी संस्था लोकायुक्त के तहत लाया जाए।

गुरुवार को अपना कार्यकाल पूरा कर रहे जस्टिस शेट्टी ने सोमवार को कहा कि पहले लोकायुक्त के पास भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत मामलों की जांच करने का अधिकार था, लेकिन बाद में एसीबी की स्थापना हुई। बेहतर होगा कि एसीबी लोकायुक्त के पास हो न कि राज्य सरकार के अधीन। एक रिट याचिका हाईकोर्ट के समक्ष लंबित है और यह दुखद खबर है कि इसका निपटारा होना बाकी है।

बता दें कि, लोकायुक्त एक स्वतंत्र निकाय है जिसे सरकारी कर्मचारियों से संबंधित सार्वजनिक शिकायतों के निवारण के लिए स्थापित किया गया था, लेकिन 2016 में राज्य सरकार ने जांच शक्तियों को एसीबी को हस्तांतरित कर दिया, जो मुख्य सचिव को रिपोर्ट करता है।

जस्टिस शेट्टी ने कहा कि जिन 26 मामलों की अभियोजन के लिए सिफारिश की गई थी, उन्हें खारिज कर दिया गया है और 10 मामलों में लोकायुक्त को अभी तक कोई जवाब नहीं मिला है।

कर्नाटक का लोकायुक्त तब चर्चा में आया जब साल 2006 से 2011 के बीच जस्टिस एन. संतोष हेगड़े के कार्यकाल के दौरान मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा को गिरफ्तार किया गया था.

हेगड़े के कार्यकाल के दौरान पेश अवैध खनन पर एक रिपोर्ट ने भी राष्ट्रीय सुर्खियां बटोरी थीं। भ्रष्टाचार के मामले उन कारणों में से एक थे जिनके कारण 2013 के चुनावों में भाजपा सरकार गिर गई थी।

साल 2016 में लोकायुक्त प्रमुख के रूप में जस्टिस वाई. भास्कर राव और उनके बेटे के खिलाफ घन उगाही का आरोप लगने के बाद जांच का अधिकार एसीबी को दे दिया गया.

जस्टिस शेट्टी को छह संवैधानिक प्राधिकरणों की सिफारिश पर 25 जनवरी, 2017 को लोकायुक्त प्रमुख के रूप में नियुक्त किया गया था। 2018 में एक शख्स ने उनके चेंबर में घुसकर उन्हें चाकू मार दिया।

उनके कार्यकाल में 20,199 शिकायतों का निस्तारण किया गया और 2,677 विभागीय जांच पूरी की गई। 13,000 विविध शिकायतें दर्ज की गई हैं, जिनमें से 12,000 का निपटारा कर दिया गया है।

टॅग्स :कर्नाटकJusticeACB
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