लाइव न्यूज़ :

कैराना उपचुनाव में भी मात खा गए योगी आदित्यनाथ, कैसे जीतेंगे 2019 की जंग?

By आदित्य द्विवेदी | Updated: May 31, 2018 13:00 IST

उत्तर प्रदेश की कमान संभालने के बाद ये योगी आदित्यनाथ की लगातार तीसरी बड़ी हार है। क्या गोरखपुर-फूलपुर से नहीं लिया सबक?

Open in App

योगी आदित्यनाथ ने मार्च 2017 में मुख्यमंत्री पद की शपथ ग्रहण की। एक साल के अंदर उनकी पहली परीक्षा हुई।मार्च-2018 में उत्तर प्रदेश की दो हाई प्रोफाइल सीटों (गोरखपुर और फूलपुर) पर लोकसभा उपचुनाव हुए थे। गोरखपुर सीएम योगी आदित्यनाथ का गढ़ माना जाता है और फूलपुर डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य का संसदीय क्षेत्र रहा है। इसके बावजूद इन दोनों सीटों पर बीजेपी को बुरी तरह हार का सामना करना पड़ा। इस बड़ी हार पर लोगों ने योगी आदित्यनाथ पर सवाल उठाए। उस वक्त सीएम योगी की पहली प्रतिक्रिया इस प्रकार थीः-

- जब हमारे प्रत्याशी की घोषणा हुई थी तब सपा अलग थी और बसपा अलग थी। चुनाव के बीच में सपा और बसपा के बीच आपसी सौदेबाजी हुई।

- दोनों के बीच बेमेल गठबंधन किया गया। उसे समझने में हमलोगों से कहीं कमी रह गई और वो अति आत्मविश्वास के कारण हुआ है।

- कमियों को दूर करने और भविष्य की बेहतर योजना बनाने के लिए हम जी-जान लगाएंगे।

- हम अति आत्मविश्वास में थे जिसकी वजह से हार का सामना करना पड़ा। 

करीब 2 महीने बाद कैराना लोकसभा सीट पर उपचुनाव आयोजित किए गए। योगी आदित्यनाथ की पिछली प्रतिक्रिया को ध्यान में रखते हुए कैराना लोकसभा उपचुनाव के नतीजों की समीक्षा करें तो इसबार उनके लिए हार के बहाने खोजने भी मुश्किल हो जाएंगे। इसबार विपक्ष ने संयुक्त रूप से तबस्सुम हसन को प्रत्याशी बनाने की घोषणा पहले ही कर दी थी। पार्टी ने चुनाव प्रचार में पूरी ताकत झोंकते हुए कई मंत्रियों को भी मैदान में उतारा था। इसके बावजूद सीएम योगी समीकरण नहीं साध पाए।

यह भी पढ़ेंः- कैराना लोक सभा उपचुनाव: इन 3 वजहों से ये सीट बन गई है बीजेपी के लिए नाक की लड़ाई

उत्तर प्रदेश की कमान संभालने के बाद यह योगी आदित्यनाथ की तीसरी बड़ी हार है। इन तीनों लोकसभा सीटों पर 2014 की मोदी लहर में भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवारों ने बडे अंतर से जीत दर्ज की थी। लेकिन जल्दी ही तीनों सीट पर बीजेपी को हार का मुंह देखना पड़ा। क्या जनता ने योगी आदित्यनाथ के विकास के फॉर्मूले को नकार दिया है? क्या बीजेपी के पास विपक्षी एकता की कोई काट नहीं है? अगर ऐसे ही रुझान रहे तो 2019 के आम चुनाव कैसे जीतेंगे?

बीजेपी सांसद हुकुम सिंह की मृत्यु हो जाने के चलते कैराना सीट पर चुनाव कराना आवश्यक हो गया था। उनकी बेटी मृगांका सिंह उपचुनाव में भाजपा की उम्मीदवार हैं। उनका सीधा मुकाबला राष्ट्रीय लोक दल की तबस्सुम हसन से है। कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी तबस्सुम का समर्थन कर रही हैं। यही बीजेपी के लिए मुश्किल साबित हुआ। कैराना चुनाव एक तरीके से आम चुनाव का लिटमस टेस्ट थे। यहां बीजेपी बनाम संयुक्त विपक्ष देखने मिला। संयुक्त विपक्ष का यह फार्मूले योगी आदित्यनाथ पर भारी पड़ता दिख रहा है।

यह भी पढ़ेंः- ByPolls Result: जीत की आहट से तल्ख तबस्सुम हसन के तेवर, बोलीं- कैराना में ही बीजेपी को दफन करना है!

कैराना लोकसभा सीट इसलिए भी महत्वपूर्ण थी क्योंकि यहां हर तिकड़म भिड़ाई गई। साल 2016 में खबर आई थी यहां से लगभग 350 हिंदू परिवारों ने पलायन किया है। कुछ मीडिया हाउस जहां कैराना को दूसरा कश्मीर बता रहे थे, वहीं भाजपा नेताओं द्वारा कैराना को कश्मीर नहीं बनने देंगे जैसे बयान दिए गए थे। कुल मिलाकर साम्प्रदायिक ध्रुवीकरण की कोशिश थी जिसे उपचुनाव नतीजों ने खारिज कर दिया जान पड़ता है!

लोकसभा या विधानसभा चुनाव के पहले कहीं भी उपचुनाव होना और उसकी हार-जीत ये तय करती हैं कि राज्य या केंद्र सरकार विकास के मुद्दों पर कितनी सफल हुई है। गोरखपुर-फूलपुर चुनाव हारने के बाद कैराना हारना मतलब कि विपक्षी पार्टियां का एकजुट होना सफल हो रहा है। विपक्ष जातीय समीकरण में बाजी मार रहा है।

ये भाजपा से ज्यादा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की हार होगी। पिछले कुछ समय से उनकी सरकार काम और एनकाउंटर के मुद्दे घिरती नजर आ रही है। हिंदुत्व ह्रदय सम्राट बनकर आप चुनाव नहीं जीत सकते हैं। 2014 में भाजपा ने विकास के मुद्दे पर चुनाव जीता था। पश्चिमी यूपी में 2013 में शुरू हुआ मुजफ्फरनगर दंगा उसके बाद से कई ऐसे छिटपुट घटनाएं हुई, जिसे मुस्लिम बनाम हिंदू का रंग देने की कोशिश की गई। ये भी विफल साबित होगी।

लोकमत न्यूज के लेटेस्ट यूट्यूब वीडियो और स्पेशल पैकेज के लिए यहाँ क्लिक कर सब्सक्राइब करें!

टॅग्स :उपचुनाव 2018उत्तर प्रदेशयोगी आदित्यनाथभारतीय जनता पार्टीराष्ट्रीय लोक दल
Open in App

संबंधित खबरें

भारतUP: बूथ पर बैठकर मंत्री और विधायक SIR का फार्म भरवाए, सीएम योगी ने दिए निर्देश, राज्य में 15.44 करोड़ मतदाता, पर अभी तक 60% से कम ने फार्म भरे गए

ज़रा हटकेVIDEO: सीएम योगी ने मोर को अपने हाथों से दाना खिलाया, देखें वीडियो

भारतयूपी में निजी संस्थाएं संभालेंगी 7,560 सरकारी गोआश्रय स्थल, पीपीपी मॉडल पर 7,560  गोआश्रय स्थल चलाने की योजना तैयार

भारतमुजफ्फरनगर की मस्जिदों से 55 से ज्यादा लाउडस्पीकर हटाए गए

क्राइम अलर्टEtah Accident: तेज रफ्तार ट्रक का कहर, दो मोटरसाइकिल को मारी टक्कर, तीन लोगों की मौत

भारत अधिक खबरें

भारतIndiGo Crisis: सरकार ने हाई-लेवल जांच के आदेश दिए, DGCA के FDTL ऑर्डर तुरंत प्रभाव से रोके गए

भारतबिहार विधानमंडल के शीतकालीन सत्र हुआ अनिश्चितकाल तक के लिए स्थगित, पक्ष और विपक्ष के बीच देखने को मिली हल्की नोकझोंक

भारतBihar: तेजप्रताप यादव ने पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ कुमार दास के खिलाफ दर्ज कराई एफआईआर

भारतबिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का नाम हुआ लंदन के वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज, संस्थान ने दी बधाई

भारत‘पहलगाम से क्रोकस सिटी हॉल तक’: PM मोदी और पुतिन ने मिलकर आतंकवाद, व्यापार और भारत-रूस दोस्ती पर बात की