लाइव न्यूज़ :

Kachchativu Controversy: "नेहरू के लिए कच्चातिवू का कोई महत्व नहीं था, वो उसे महज एक छोटा सा द्वीप मानते थे", विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा

By आशीष कुमार पाण्डेय | Updated: April 1, 2024 11:39 IST

कच्चातीवू द्वीप विवाद में विदेश मंत्री ने दावा किया कि कांग्रेस के प्रधानमंत्रियों जवाहर लाल नेहरू और इंदिरा गांधी ने उदासीनता दिखाई और कानूनी विचारों के बावजूद द्वीप पर भारतीय मछुआरों के अधिकारों को छोड़ दिया।

Open in App
ठळक मुद्देकच्चातीवू द्वीप विवाद में विदेश मंत्री जयशंकर ने जवाहर लाल नेहरू, इंदिरा गांधी पर किया हमलाउन्होंने कहा कि कांग्रेस के प्रधानमंत्रियों जवाहर लाल नेहरू और इंदिरा गांधी ने उदासीनता दिखाईएस जयशंकर ने कहा कि जवाहर लाल नेहरू के लिए कच्चातिवु द्वीप का कोई महत्व नहीं था

नई दिल्ली: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कच्चातीवू विवाद पर एक संवाददाता सम्मेलन आयोजित करते हुए दावा किया कि भारत और श्रीलंका के बीच द्वीप के आसपास दशकों पुराना क्षेत्रीय मसला और मछली पकड़ने का अधिकार विवाद अचानक सामने नहीं आया है और इस पर संसद में अक्सर बहस होती रही है।

इसके साथ विदेश मंत्री ने यह भी दावा किया कि कांग्रेस के प्रधानमंत्रियों जवाहर लाल नेहरू और इंदिरा गांधी ने कच्चातीवू द्वीप विवाद पर उदासीनता दिखाई और कानूनी विचारों के बावजूद द्वीप पर भारतीय मछुआरों के अधिकारों को छोड़ दिया।

समाचार वेबसाइट हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार एस जयशंकर का यह बयान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा कच्चातीवू द्वीप मुद्दे पर तमिलनाडु की सत्तधारी पार्टी द्रमुक पर निशाना साधने के तुरंत बाद आया है, जिसमें प्रधानमंत्री मोदी ने स्टालिन सरकार को घेरते हुए आरोप लगाया था कि तमिलनाडु की सत्तारूढ़ पार्टी ने राज्य के हितों की रक्षा के लिए कुछ नहीं किया।

जयशंकर ने पत्रकार वार्ता में कहा कि जवाहरलाल नेहरू और इंदिरा गांधी जैसे प्रधानमंत्रियों ने समुद्री सीमा समझौते के तहत 1974 में श्रीलंका को दिए गए कच्चातीवू को "छोटा द्वीप" करार दिया था और यह मुद्दा अभी अचानक नहीं पैदा हुआ है बल्कि यह भारत के लिए हमेशा से एक जीवंत मामला रहा है।

उन्होंने कहा, "मई 1961 में तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने लिखा था, 'मैं इस छोटे से द्वीप को बिल्कुल भी महत्व नहीं देता और मुझे इस पर अपना दावा छोड़ने में कोई हिचकिचाहट नहीं होगी। मुझे इस तरह के मामले पसंद नहीं हैं। यह अनिश्चित काल से लंबित है और संसद में बार-बार उठाया जा रहा है।"

जयशंकर ने कहा, "पंडित नेहरू के लिए यह एक छोटा सा द्वीप था और उनके लिए इसका कोई महत्व नहीं था क्योंकि वो इसे एक विवाद के रूप में देखते थे। उनके लिए तो कच्चातीवू को भारत जितनी जल्दी छोड़ दें, बेहतर होगा और यही दृष्टिकोण इंदिरा गांधी के समय में भी जारी रहा।"

विदेश मंत्री ने कहा, “कच्चतीवू मुद्दा अचानक सामने नहीं आया है, बल्कि यह हमेशा से भारत के लिए एक जीवंत मुद्दा है, जिस पर अक्सर संसद में बहस होती है। कांग्रेस, द्रमुक ने कच्चातीवू मुद्दे को ऐसे उठाया जैसे कि उनकी कोई जिम्मेदारी नहीं है।''

उन्होंने कहा कि द्रमुक ने 1974 में और उसके बाद इस स्थिति को बनाने में कांग्रेस के साथ बहुत हद तक "मिलीभगत" की थी। जयशंकर ने बताया कि 20 वर्षों में 6,184 भारतीय मछुआरों को श्रीलंका ने हिरासत में लिया है और उनके 1,175 मछली पकड़ने वाले जहाजों को उसने जब्त कर लिया है।

विदेश मंत्री ने कहा, "यह नरेंद्र मोदी सरकार है जो यह सुनिश्चित करने के लिए काम कर रही है कि भारतीय मछुआरों की रिहाई हो और हमें इसका समुचित समाधान ढूंढना होगा। हमें श्रीलंका सरकार के साथ बैठकर इस पर काम करना होगा।"

टॅग्स :S Jaishankarइंदिरा गाँधीनरेंद्र मोदीकांग्रेसश्रीलंकाSri Lanka
Open in App

संबंधित खबरें

भारतशशि थरूर को व्लादिमीर पुतिन के लिए राष्ट्रपति के भोज में न्योता, राहुल गांधी और खड़गे को नहीं

भारत‘पहलगाम से क्रोकस सिटी हॉल तक’: PM मोदी और पुतिन ने मिलकर आतंकवाद, व्यापार और भारत-रूस दोस्ती पर बात की

भारतModi-Putin Talks: यूक्रेन के संकट पर बोले पीएम मोदी, बोले- भारत न्यूट्रल नहीं है...

भारतPutin India Visit: एयरपोर्ट पर पीएम मोदी ने गले लगाकर किया रूसी राष्ट्रपति पुतिन का स्वागत, एक ही कार में हुए रवाना, देखें तस्वीरें

भारतPutin India Visit: पुतिन ने राजघाट पर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी, देखें वीडियो

भारत अधिक खबरें

भारतIndiGo Crisis: सरकार ने हाई-लेवल जांच के आदेश दिए, DGCA के FDTL ऑर्डर तुरंत प्रभाव से रोके गए

भारतबिहार विधानमंडल के शीतकालीन सत्र हुआ अनिश्चितकाल तक के लिए स्थगित, पक्ष और विपक्ष के बीच देखने को मिली हल्की नोकझोंक

भारतBihar: तेजप्रताप यादव ने पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ कुमार दास के खिलाफ दर्ज कराई एफआईआर

भारतबिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का नाम हुआ लंदन के वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज, संस्थान ने दी बधाई

भारतIndiGo Flight Cancel: इंडिगो संकट के बीच DGCA का बड़ा फैसला, पायलटों के लिए उड़ान ड्यूटी मानदंडों में दी ढील