खुफिया सूचनाओं के बाद सेना के जवानों द्वारा शहर के पॉश इलाके त्रिकुटा नगर में, बिना पुलिस को सूचित किए चलाए गए तलाशी अभियान से जम्मू दहशतजदा है। सेना के मुताबिक, जैशे मुहम्मद के आतंकियों के छुपे होने की खबरें मिली थीं जिसके बाद इस अभियान को अंजाम दिया गया।
दरअसल खुफिया सूचनाएं कहती थीं कि 60 के करीब आतंकी इस ओर घुसपैठ कर चुके हैं जिनके निशानों पर जम्मू, पठानकोट, श्रीनगर तथा लेह के हवाई अड्डों के अतिरिक्त सैन्य ठिकाने भी हैं। आतंकियों की घुसपैठ का दावा पुलिस महानिदेशक से लेकर सेनाध्यक्ष तक कर रहे हैं।
पहले ही पिछले एक सप्ताह से पठानकोट-जम्मू नेशनल हाईवे पर माहौल और सफर दहशतजदा इसलिए है क्योंकि सुरक्षा एजेंसियां कहती हैं कि आतंकी इन राजमार्ग को निशाना बना सकते हैं। अतीत में वे इस राजमार्ग पर स्थित सैन्य ठिकानों, पुलिस स्टेशनों तथा साथ में गुजरने वाली रेल पटरी को कई बार निशाना बना चुके हैं।
अब इन्हीं आशंकाओं ने जम्म्मू को दहशतजदा कर दिया है। पहले से ही मंदी की मार झेल रहे जम्मू और संचारबंदी के घेरे में 52वें दिन भी कैद में रहने वाले कश्मीर में अजीब सी मुर्दा खामोशी थी, जिसमें भूतहा सन्नाटा ऐसे तलाशी अभियानों ने भर दिया है। ऐसे तलाशी अभियान और भी कई इलाकों में चलाए गए हैं। यह बात अलग है कि हाथ कुछ भी नहीं लगा है।
ऐसे तलाशी अभियानों तथा खुफिया सूचनाओं का असर वैष्णो देवी की यात्रा के साथ-साथ राज्य में आने वाले पर्यटकों की संख्या पर पड़ने लगा है। पहले ही वैष्णो देवी की यात्रा में शामिल होने वालों की संख्या जबरदस्त ढलान पर थी और धारा 370 हटाए जाने के बाद राज्य में पर्यटकों का आना रूक सा गया था। ऐसे में लोगों को रविवार से शुरू हो रहे नवरात्रों से कुछ आस थी जो अब ऐसे तलाशी अभियानों तथा आतंकी षड्यंत्रों के रहस्योंदघाटनों के बाद ढहती नजर आने लगी है।