लाइव न्यूज़ :

किशोर न्याय अधिनियम अपर्याप्त, 16 साल से कम के अपराधियों को जघन्य अपराध की ‘खुली छूट’ : अदालत

By भाषा | Updated: July 2, 2021 19:15 IST

Open in App

इंदौर, दो जुलाई एक लड़की से दुष्कर्म के आरोपी लड़के को जमानत देने से इनकार करते हुए मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय की इंदौर खंडपीठ ने ऐसे मामलों से निपटने के लिहाज से किशोर न्याय अधिनियम को पूरी तरह अपर्याप्त और अनुपयुक्त करार दिया है और पूछा है कि देश का कानून बनाने वालों की अंतरात्मा को झकझोरने के लिए कितनी और निर्भया (बलात्कार पीड़ितों) की कुर्बानियों की जरूरत है।

अदालत ने यह भी कहा कि यह अधिनियम 16 वर्ष से कम आयु के अपराधियों को जघन्य अपराध करने के लिए ‘खुली छूट’ (फ्री हैंड) देता है।

सरकारी वकील पूर्वा महाजन ने शुक्रवार को बताया कि न्यायमूर्ति सुबोध अभयंकर की पीठ ने 15 जून को मामले की सुनवाई करते हुए एक लड़की के साथ दुष्कर्म करने के नाबालिग आरोपी को जमानत देने से इनकार करते हुए यह टिप्पणी की। अदालत का यह आदेश 25 जून को जारी किया गया है।

अदालत ने कहा, ‘‘इस अदालत को यह कहने में भी दु:ख हो रहा है कि विधायिका ने अब भी दिल्ली के निर्भया मामले से कोई सबक नहीं सीखा है। चूंकि किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल एवं संरक्षण) अधिनियम 2015 की धारा 15 के तहत जघन्य अपराधों में बच्चे की उम्र अब भी 16 साल से कम रखी गई है, जो 16 साल से कम उम्र के अपराधियों को जघन्य अपराध करने के लिए ‘फ्री हैंड’ देता है।’’

अदालत ने कहा कि इस प्रकार स्पष्ट तौर पर जघन्य अपराध करने के बावजूद, याचिकाकर्ता पर एक किशोर के रूप में मुकदमा चलाया जाएगा, क्योंकि वह इस किशोर न्याय अधिनियम की धारा 15 के प्रावधान के अनुरूप 16 साल से कम का है।

अदालत ने फैसले में कहा, ‘‘जाहिर है कि ऐसे मामलों से निपटने के लिए मौजूदा कानून पूरी तरह अपर्याप्त और अनुपयुक्त है और यह अदालत वास्तव में आश्चर्य व्यक्त करती है कि इस देश का कानून बनाने वालों की अंतरात्मा को झकझोरने के लिए कितनी और निर्भयाओं के बलिदानों की आवश्यकता होगी।’’

उसने कहा कि याचिकाकर्ता के आचरण से स्पष्ट पता चलता है कि उसने पूरे होश में यह अपराध किया और यह नहीं कहा जा सकता कि यह अज्ञानता में किया गया था। अदालत ने अपने निर्णय में कहा, ‘‘यह अदालत परिवीक्षाधीन अधिकारी द्वारा की गई टिप्पणी से सहमत नहीं हो पा रही है कि अज्ञानता के कारण बलात्कार का अपराध किया जा सकता है। बलात्कार का अपराध, शारीरिक प्रकृति का होने के नाते तब तक नहीं किया जा सकता जब तक कि किसी व्यक्ति को इसका विशिष्ट ज्ञान न हो।’’

आदेश में कहा गया है, ‘‘ऐसी परिस्थितियों में, इस अदालत की राय में, यदि याचिकाकर्ता को फिर से अपने माता-पिता की देखभाल के लिए छोड़ दिया जाता है, तो उसके पहले की लापरवाही को देखते हुए यह नहीं कहा जा सकता कि उसके आसपास की कम उम्र की बच्चियां सुरक्षित होंगी, खासकर जब उसे किशोर न्याय अधिनियम का संरक्षण मिल रहा है। इस प्रकार, उसकी रिहाई इस अदालत की राय में न्याय के उद्देश्य को विफल करना होगा।’’

याचिका का विरोध करते हुए वकील महाजन ने कहा कि बलात्कार को 'लापरवाही पूर्ण कृत्य' नहीं माना जा सकता क्योंकि इसके लिए हर तरह के ज्ञान की जरूरत होती है और व्यक्ति भले ही नाबालिग हो, सिर्फ अज्ञानता वश इसे नहीं कर सकता।

उन्होंने कहा, ‘‘इसके अलावा, कोई भी अज्ञानता में दो बार इस तरह के जघन्य अपराध को नहीं कर सकता जैसा कि आरोपी ने किया था और पीड़िता ने पुलिस को दिए अपने बयान में यही बताया था।’’

मध्य प्रदेश के झाबुआ जिले में इस साल जनवरी में आरोपी ने दो बार इस अपराध को अंजाम दिया था।

हालांकि, याचिकाकर्ता (आरोपी) के वकील ने दलील दी कि निचली अदालतों ने अधिनियम की धारा 12 के तहत दायर याचिकाकर्ता के आवेदन को स्वीकार नहीं करके और उसे जमानत पर रिहा नहीं करके भूल की है।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Open in App

संबंधित खबरें

विश्वFrance: क्रिसमस इवेंट के दौरान ग्वाडेलोप में हादसा, भीड़ पर चढ़ी कार; 10 की मौत

कारोबारPetrol, Diesel Price Today: कच्चे तेल के दामों में उतार-चढ़ाव, जानें ईंधन पर इसका क्या असर; प्राइस लिस्ट यहां

भारतIndigo Crisis: इंडिगो की उड़ानें रद्द होने के बीच रेलवे का बड़ा फैसला, यात्रियों के लिए 37 ट्रेनों में 116 कोच जोड़े गए

भारतPutin Visit India: भारत का दौरा पूरा कर रूस लौटे पुतिन, जानें दो दिवसीय दौरे में क्या कुछ रहा खास

पर्सनल फाइनेंसLIC New Schemes: LIC ने शुरू की 2 नई योजनाएं, पूरे परिवार के लिए मिलेगी ये सुविधा, यहां करें चेक

भारत अधिक खबरें

भारतशशि थरूर को व्लादिमीर पुतिन के लिए राष्ट्रपति के भोज में न्योता, राहुल गांधी और खड़गे को नहीं

भारतIndiGo Crisis: सरकार ने हाई-लेवल जांच के आदेश दिए, DGCA के FDTL ऑर्डर तुरंत प्रभाव से रोके गए

भारतबिहार विधानमंडल के शीतकालीन सत्र हुआ अनिश्चितकाल तक के लिए स्थगित, पक्ष और विपक्ष के बीच देखने को मिली हल्की नोकझोंक

भारतBihar: तेजप्रताप यादव ने पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ कुमार दास के खिलाफ दर्ज कराई एफआईआर

भारतबिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का नाम हुआ लंदन के वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज, संस्थान ने दी बधाई