चेन्नई:तमिलनाडु के अरियालुर जिले में एक 17 वर्षीय लड़की की आत्महत्या के मामले में दर्ज कराई गई एफआईआर और मौत से पहले दिए गए बयान में कथित जबरन धर्मांतरण के आरोपों का कोई जिक्र नहीं है।
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, धर्मांतरण का आरोप तब सामने आया जब विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के सदस्य पी. मुथुवेल ने लड़की के बयान का एक वीडियो रिकॉर्ड किया और उसे जबरन धर्मांतरण के सबूत के रूप में पेश किया।
19 जनवरी को अपनी मृत्यु से तीन दिन पहले तंजावुर के न्यायिक मजिस्ट्रेट-1 के समक्ष अपने बयान में तंजावुर जिले के एक ईसाई आवासीय विद्यालय में पढ़ने वाली लड़की ने अपने छात्रावास वार्डन पर शारीरिक सजा देने का आरोप लगाया था। उसने कहा था कि वार्डन ने कथित तौर पर उसे मारा और डांटा था।
इसके साथ ही लड़की को बीमारी और क्रिसमस की छुट्टी के दौरान घर जाने की इजाजत देने से इनकार कर दिया गया था। मौत से पहले दिए गए अपने बयान में लड़की कहती है कि वह (वार्डन) मुझे प्रताड़ित करती थीं। वही इसके पीछे हैं।
ड्यूटी पर मौजूद एक सहायक चिकित्सक ने रिकॉर्ड किया कि मरने वाले की घोषणा की रिकॉर्डिंग के दौरान रोगी पूरे होशोहवास में, पूरी तरह से स्वस्थ थी।
बयान दर्ज होने के एक दिन बाद मुथुवेल ने 45-सेकंड का वीडियो रिकॉर्ड किया, जिसमें कथित तौर पर लड़की को यह कहते हुए दिखाया गया है कि वार्डन ने उसके माता-पिता से दो साल पहले उसे ईसाई धर्म में परिवर्तित करने का आग्रह किया और उसकी शिक्षा का खर्च उठाने का वादा किया था।
वीडियो रिकॉर्ड करने वाले के इस सवाल पर कि क्या उसे धर्म परिवर्तन नहीं करने के लिए लक्षित किया गया था, तो वह कहती है, 'हो सकता है।'
तमिलनाडु के भाजपा और विश्व हिंदू परिषद (विहिप) नेताओं द्वारा वीडियो प्रसारित किए जाने के बाद सोशल मीडिया पर 'जस्टिसफॉरलावन्या' ट्रेंड कर रहा है और छात्रा के लिए न्याय की गुहार लगाई जा रही है।
इस मामले में 74 वर्षीय वार्डन को बीते 18 जनवरी को लड़की के प्रताड़ना के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया था।
यही नहीं, मद्रास हाईकोर्ट के निर्देशों के बाद फोरेंसिक विश्लेषण के लिए मंगलवार को पुलिस को अपना फोन सौंपने वाले मुथुवेल फरवरी, 2019 में दो ईसाई प्रचारकों पर हमला करने के आरोप में गिरफ्तार किए गए तीन लोगों में शामिल था।