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कौन हैं अजयपाल?, जेएनयू छात्रसंघ चुनाव में आजमा रहे दांव

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: April 15, 2025 17:24 IST

JNU student union elections: सामान्य किसान परिवार में जन्मे अजयपाल ने अग्निवीर की नौकरी छोड़कर जेएनयू में दाखिला लिया और अब वे छात्रों के अधिकारों के लिए लड़ रहे हैं।

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ठळक मुद्देसफर न केवल प्रेरणादायक है, बल्कि सामाजिक बदलाव की प्रतिबद्धता को भी दर्शाता है।जेएनयू के लोकतांत्रिक मूल्यों को बचाने के लिए संघर्ष कर रहा हूँ।

नई दिल्लीः राजस्थान के बाड़मेर जिले के छोटे से गांव तानु से निकलकर जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) तक का सफर तय करने वाले अजयपाल ने मंगलवार को जेएनयू छात्रसंघ चुनाव के लिए काउंसलर पद पर नामांकन दाखिल किया। भारतीय वायुसेना में अग्निवीर के रूप में सेवा दे चुके अजयपाल अब स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) के बैनर तले छात्र राजनीति में कदम रख रहे हैं। उनका यह सफर न केवल प्रेरणादायक है, बल्कि सामाजिक बदलाव की उनकी प्रतिबद्धता को भी दर्शाता है।

सामान्य किसान परिवार में जन्मे अजयपाल ने अग्निवीर की नौकरी छोड़कर जेएनयू में दाखिला लिया और अब वे छात्रों के अधिकारों के लिए लड़ रहे हैं। नामांकन के बाद उन्होंने कहा, "मैंने वायुसेना में अग्निवीर के रूप में देश की सेवा की, और अब एसएफआई के माध्यम से छात्रों की आवाज बनकर जेएनयू के लोकतांत्रिक मूल्यों को बचाने के लिए संघर्ष कर रहा हूँ।"

भाजपा और आरएसएस पर तीखा हमला 

अजयपाल ने केंद्र सरकार और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) पर जेएनयू की शैक्षणिक गुणवत्ता को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, "भाजपा सरकार में पीएचडी दाखिलों और प्रोफेसरों की भर्ती में एक खास विचारधारा को बढ़ावा दिया जा रहा है। यूजीसी पूरी तरह विफल हो चुकी है।

जेएनयू के लोकतांत्रिक ढांचे को खत्म करने के लिए आरएसएस पूरी ताकत लगा रही है।" उन्होंने प्रशासन पर छात्र कार्यकर्ताओं को दबाने का भी आरोप लगाया, जिसमें जुर्माना, प्रॉक्टोरियल जांच और मुकदमों का डर दिखाकर आवाज को चुप कराने की बात शामिल है।

शिक्षा और लोकतंत्र पर जोर

अपने चुनावी अभियान में अजयपाल ने जेएनयू की सस्ती शिक्षा व्यवस्था को बचाने की बात कही। उन्होंने बताया, "जेएनयू में एक सेमेस्टर की फीस मात्र 268 रुपये है, जिसके कारण गरीब परिवारों के बच्चे भी यहां पढ़ सकते हैं। लेकिन सरकार इसे खत्म करने पर तुली है।" उन्होंने केंद्र सरकार पर कॉरपोरेट हितों को बढ़ावा देने और शिक्षा के अधिकार पर हमला करने का आरोप लगाया। साथ ही, उन्होंने राजस्थान में ओरण भूमि के लिए चल रहे संघर्ष और हीटवेव से होने वाली मौतों पर सरकार की निष्क्रियता की भी आलोचना की।

चुनावी अभियान को मिला जोर

नामांकन के बाद अजयपाल ने अपने कैंपेन को और तेज कर दिया है। जेएनयू में 25 अप्रैल को मतदान होगा, और 28 अप्रैल को नतीजे घोषित किए जाएंगे। उनके समर्थन में पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष आईसी घोष, छात्रसंघ उम्मीदवार गोपिका बाबू, सागर सिंघल, अंजली, कमल सिंह दुधोड़ा और छगनलाल रामसर सहित बड़ी संख्या में छात्र मौजूद रहे। अजयपाल का यह कदम न केवल उनकी व्यक्तिगत यात्रा को दर्शाता है, बल्कि जेएनयू के छात्र आंदोलन को भी नई ऊर्जा दे रहा है। उनकी आवाज गांव से लेकर दिल्ली तक शिक्षा और लोकतंत्र के लिए एक मजबूत संदेश दे रही है।

टॅग्स :जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू)दिल्लीराजस्थान
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