नई दिल्ली: झारखंड में नए मंत्रिमंडल के गठन के बाद, मुख्यमंत्री चंपई सोरेन राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में झारखंड भवन पहुंचे। इस दौरान उनके साथ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश ठाकुर भी झारखंड से दिल्ली आए।
झारखंड कांग्रेस के अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने शनिवार को कहा कि सीएम सोरेन कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे से मुलाकात करेंगे। कुछ विधायक, जो कैबिनेट का हिस्सा नहीं बनने से नाराज हैं, मल्लिकार्जुन खड़गे के साथ अपनी चिंताओं पर चर्चा करने के लिए राष्ट्रीय राजधानी में हैं।
उन्होंने कहा, "झारखंड के मुख्यमंत्री चंपई सोरेन नए मंत्रिमंडल के गठन के बाद कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे से मुलाकात करेंगे। हम पार्टी के अन्य नेताओं से भी मिलेंगे...विधायक अपने मुद्दों को बताने के लिए दिल्ली आए हैं।"
इस बीच, नए मंत्रिमंडल को लेकर झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) और कांग्रेस के बीच संभावित मतभेद की अटकलों के बीच पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के भाई और पार्टी नेता बसंत सोरेन ने कहा कि कांग्रेस विधायकों के कुछ संदेह थे जिन्हें दूर कर लिया गया है। बसंत सोरेन ने कहा, "कोई भी परेशान नहीं है। उन्हें (कांग्रेस विधायकों को) कुछ संदेह था लेकिन वह सब दूर हो गया है। हमारा परिवार एकजुट है। अब हर कोई संतुष्ट है। मैं दिल्ली जा रहा हूं।"
गौरतलब है कि शनिवार को झारखंड में नए चंपई सोरेन मंत्रिमंडल में आठ मंत्रियों ने शपथ ली, कुछ कांग्रेस विधायकों ने विस्तार पर असंतोष व्यक्त किया जिसमें कथित तौर पर नए चेहरों को शामिल नहीं किया गया जो उनकी मांग थी। कांग्रेस विधायक दीपिका पांडे सिंह ने दावा किया कि कैबिनेट के शपथ लेने से पहले उन्होंने अपने विचार रखे। दीपिका पांडे सिंह कहा, ''हमने मांग की कि अगर नई सरकार बन रही है और कैबिनेट में फेरबदल किया जा रहा है तो नए चेहरों को मौका दिया जाना चाहिए था।''
कांग्रेस विधायक अनूप सिंह ने कहा कि विधायकों ने प्रदेश कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष को अपनी चिंता से अवगत करा दिया है और उनकी मांग जस की तस है। अनूप सिंह ने कहा, "हम कुल 12 लोग हैं। हमने एक पत्र के माध्यम से अपनी चिंता अपने पीसीसी अध्यक्ष के साथ साझा की है। हमारी मांग पहले जैसी ही है।"
बता दें कि झारखंड के मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने शुक्रवार को गृह और कार्मिक जैसे विभाग अपने पास रखते हुए मंत्रियों को विभागों का आवंटन कर दिया। इससे पहले 2 फरवरी को चंपई सोरेन ने राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी और 5 फरवरी को गठबंधन सरकार ने 47:29 बहुमत के साथ फ्लोर टेस्ट जीता था।