रांची: झारखंड में सोमवार को बजट सत्र की शुरुआत हंगामेदार हुई और भाजपा विधायकों ने विधानसभा के बाहर अपनी पार्टी के विधायक और पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी को नेता प्रतिपक्ष का दर्जा दिए जाने की मांग लेकर विरोध प्रदर्शन किया।
भाजपा विधायक नीरा यादव ने कहा कि राज्य विधानसभा में हमें एक नेता प्रतिपक्ष की जरूरत है ताकि हम विधानसभा में जनता के सवाल उठा सकें लेकिन सरकार के कान पर जूं तक नहीं रेंग रही है।
बता दें कि, वर्ष 2019 में हुए झारखंड विधानसभा चुनाव में तत्कालीन झारखंड विकास मोर्चा (जेवीएम) ने तीन सीटें जीती थीं। इसके बाद जेवीए का भाजपा में विलय हो गया था और उसके अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी भाजपा में वापस लौट गए थे।
वहीं, शेष दो विधायक बंधु तिर्की और प्रदीप महतो ने कांग्रेस का हाथ थाम लिया था। वर्तमान स्पीकर के न्यायाधिकरण में तीन विधायकों पर दल-बदल का मामला चल रहा है। दो वर्ष हो गए लेकिन अभी तक इस मामले का कोई नतीजा निकला नहीं है।
यही कारण है कि दो सालों से लगातार मांग के बावजूद भाजपा विधायक दल के नेता मरांडी को नेता प्रतिपक्ष का दर्जा नहीं मिल पा रहा है।
भाजपा के प्रतिनिधिमंडल ने राजभवन में ज्ञापन सौंपकर राज्य के संवैधानिक प्रमुख राज्यपाल से इस संबंध में आवश्यक कार्रवाई करने का अनुरोध किया है।
आज चालू वित्तीय वर्ष 2021-22 का तृतीय अनुपूरक बजट सदन में पेश किया जाना है। झारखंड विधानसभा के इस सत्र में 3 मार्च को आगामी वित्तीय वर्ष 2022-23 का वार्षिक बजट पेश होगा। इससे पहले 2 मार्च को आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट सदन के पटल पर रखी जाएगी।
25 मार्च तक चलने वाले सत्र में 17 कार्य दिवस हैं। इस सत्र में 28 फरवरी को चालू वित्तीय वर्ष 2021-22 का तृतीय अनुपूरक बजट भी सदन में पेश किया जाएगा।