Amarnath Yatra 2025: पहलगाम नरसंहार के कारण लगभग मृतप्रायः कश्मीर के टूरिज्म में नई जान फूंकने की आस अब सिर्फ वार्षिक अमरनाथ यात्रा पर ही है जिसकी सकुशलता के प्रयास, कवायद और दुआएं की जा रही हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि आपरेशन सिंदूर के उपाांत इसे आधिकारिक तौर पर माना जा रहा है कि यह आतंकी निशाने पर टाप पर है। यह अमरनाथ यात्रा में हेलिकाप्टर सेवा को इस बार निरस्त कर दिए जाने के फैसले से भी साबित होता था।
कश्मीरी नागरिक भी भली भांति जानते हैं कि अगर इस बार अमरनाथ यात्रा पर एक खरोंच या हमला भी हुआ तो कश्मीर का टूरिज्म सदियों पीछे चला जाएगा। ऐसी चिंता कश्मीर ट्रेडर्स और मैन्यूफैंक्चरिंग फेडरेशन भी प्रकट कर चुका है तो अन्य कश्मीरी व्यापारिक संगठन भी।
फेडरेशन के अध्यक्ष मुहम्मद यासीन के शब्दों में, यह यात्रा कश्मीर की संस्कृति का हिस्सा है और इस संस्कृति को बचाए रखना ही कश्मीर का फर्ज और दायित्व रहेगा। वे अमरनाथ श्रद्धालुओं का स्वागत करने और उनकी सुरक्षा की गारंटी की बात भी जरूर करते थे।
यही कारण था कि यात्रा की सुरक्षा की खातिर हर कश्मीरी सभी प्रकार का सहयोग देने को राजी हैं। वे तहेदिल से अमरनाथ यात्रियों का स्वागत करने के लिए बांछे बिछाए बैठे हैं। हालांकि उन्हें डर इस बात का है कि शायद अमरनाथ यात्रा श्राइन बोर्ड अमरनाथ श्रद्धालुओं के कश्मीर के अन्य पर्यटनस्थलों की सैर पर कुछ प्रतिबंध लागू न कर दे।
दरअसल ऐसे संकेत उन सूचनाओं के बाद मिल रहे हैं जिसमें कहा जा रहा है कि आतंकी अमरनाथ श्रद्धालुओं को कश्मीर के अन्य स्थानों पर भी निशाना बनाने की योजनाएं लिए हुए हैं।
यह बात अलग है कि यात्रा के दोनों मार्गों पर फूल प्रूफ सुरक्षा व्यवस्था का दावा तो है पर अधिकारी आप स्वीकार करते हैं कि प्रत्येक श्रद्धालु को कश्मीर के अन्य उन स्थानों पर सुरक्षा मुहैया करवाना संभव नहीं होगा जहां वे पर्यटक बन घूमने जाना चाहेंगें।