लाइव न्यूज़ :

कश्मीर की दो वेबसाइटों और 20 यूट्यूब चैनलों को बंद करने का आदेश, नए आईटी नियमों के तहत आईबी मंत्रालय ने की कार्रवाई

By विशाल कुमार | Updated: December 21, 2021 15:27 IST

यह पहली बार है जब मंत्रालय ने इस साल 25 फरवरी को अधिसूचित सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यस्थ दिशानिर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) नियमों के तहत ऐसे निर्देश जारी किए हैं, जो सरकार को सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 69 (ए) के तहत समाचार सामग्री तक पहुंच को अवरुद्ध करने का अधिकार देते हैं।

Open in App
ठळक मुद्देदो वेबसाइटों और 20 यूट्यूब चैनलों को बंद करने का आदेश। यह पहली बार है जब मंत्रालय ने नए नियमों के तहत ऐसे निर्देश जारी किए हैं। आदेश आईबी के सचिव को दी गई आपातकालीन शक्तियों का उपयोग करते हुए जारी किए गए हैं।

नई दिल्ली: सूचना एवं प्रसारण (आईबी) मंत्रालय ने सोमवार को कश्मीर से संबंधित दो वेबसाइटों और 20 यूट्यूब चैनलों को बंद करने का आदेश दिया। 

हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, यह पहली बार है जब मंत्रालय ने इस साल 25 फरवरी को अधिसूचित सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यस्थ दिशानिर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) नियमों के तहत ऐसे निर्देश जारी किए हैं, जो सरकार को सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 69 (ए) के तहत समाचार सामग्री तक पहुंच को अवरुद्ध करने का अधिकार देते हैं।

आईबी सचिव अपूर्व चंद्रा द्वारा जारी दो अलग-अलग आदेशों में यूट्यूब और दूरसंचार विभाग को राष्ट्रीय सुरक्षा और देश की अखंडता के आधार पर सामग्री तक पहुंच प्रतिबंधित करने के लिए कहा गया है।

दो वेबसाइटों, कश्मीर ग्लोबल और कश्मीर वॉच को पूरी तरह से ब्लॉक करने का आदेश दिया गया है। 20 यूट्यूब चैनलों में द पंच लाइन, इंटरनेशनल वेब न्यूज, खालसा टीवी, द नेकेड ट्रुथ, न्यूज 24, 48 न्यूज, फिक्शनल, हिस्टोरिकल फैक्ट्स, पंजाब वायरल, नया पाकिस्तान ग्लोबल और कवर स्टोरी शामिल हैं।

चंद्रा दूरसंचार विभाग को अपने अंतरिम आदेश में कहते हैं कि और जबकि उपरोक्त वेबसाइटों द्वारा प्रकाशित जानकारी को पढ़ने के बाद मैं संतुष्ट हूं कि उपरोक्त वेबसाइटों पर पोस्ट की गई जानकारी भारत की संप्रभुता और अखंडता, भारत की रक्षा और राज्य की सुरक्षा के लिए हानिकारक है और इसलिए आईटी अधिनियम की धारा 69(ए) के दायरे में आता है।

पहले, वेबसाइटों को ब्लॉक करने के आदेश केवल इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय या दूरसंचार विभाग द्वारा क्रमशः आईटी अधिनियम और भारतीय टेलीग्राफ नियम, 1951 के तहत जारी किए जा सकते थे।

25 फरवरी को लाए गए नए आईटी नियमों के तहत सोशल मीडिया कंपनियों मसलन ट्विटर, फेसबुक, इंस्टाग्राम और व्हॉट्सएप को तीन महीने के भीतर कंप्लायंस अधिकारी, नोडल अधिकारी अदि की नियुक्ति करने को कहा गया था। 

निर्देशों में कहा गया था इन सभी का कार्यक्षेत्र भारत में होना जरूरी है। साथ ही नए नियम के तहत कंपनियों को किसी भी सामग्री पर प्राधिकरण की ओर से चिंता जताए जाने पर उसे 36 घंटे में हटाना होगा।

हालांकि, सामग्री को अवरुद्ध करने के सोमवार के आदेश आईबी के सचिव को दी गई आपातकालीन शक्तियों का उपयोग करते हुए जारी किए गए हैं, जो अधिकृत अधिकारी द्वारा अधिसूचित किए जाने पर, सामग्री को तत्काल हटाने का आदेश दे सकते हैं।

फरवरी में अधिसूचित किए गए नियमों को लाइव लॉ और द वायर सहित कई डिजिटल समाचार मीडिया संगठनों द्वारा अदालत में चुनौती दी गई है।

टॅग्स :Information Technologyमोदी सरकारजम्मू कश्मीरसोशल मीडियाsocial mediaDigital
Open in App

संबंधित खबरें

भारतIndiGo Crisis: इंडिगो के उड़ानों के रद्द होने पर राहुल गांधी ने किया रिएक्ट, बोले- "सरकार के एकाधिकार मॉडल का नतीजा"

भारतसंचार साथी ऐप में क्या है खासियत, जिसे हर फोन में डाउनलोड कराना चाहती है सरकार? जानें

ज़रा हटकेWATCH: रसगुल्ले के लिए घमासान, शादी समारोह में दूल्हा-दुल्हन के परिवारों के बीच मारपीट; बोधगया का वीडियो वायरल

भारतSanchar Saathi App: विपक्ष के आरोपों के बीच संचार साथी ऐप डाउनलोड में भारी वृद्धि, संचार मंत्रालय का दावा

भारतDrung Waterfall: महीनों बाद खुला द्रुग वाटरफाल, टंगमर्ग राइडर्स की रोजी-रोटी में मदद मिली

भारत अधिक खबरें

भारतशशि थरूर को व्लादिमीर पुतिन के लिए राष्ट्रपति के भोज में न्योता, राहुल गांधी और खड़गे को नहीं

भारतIndiGo Crisis: सरकार ने हाई-लेवल जांच के आदेश दिए, DGCA के FDTL ऑर्डर तुरंत प्रभाव से रोके गए

भारतबिहार विधानमंडल के शीतकालीन सत्र हुआ अनिश्चितकाल तक के लिए स्थगित, पक्ष और विपक्ष के बीच देखने को मिली हल्की नोकझोंक

भारतBihar: तेजप्रताप यादव ने पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ कुमार दास के खिलाफ दर्ज कराई एफआईआर

भारतबिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का नाम हुआ लंदन के वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज, संस्थान ने दी बधाई