कोझिकोड (केरल), आठ दिसंबर केरल में वक्फ बोर्ड की नियुक्तियों को राज्य लोक सेवा आयोग (पीएससी) पर छोड़ने के सत्तारूढ़ एलडीएफ सरकार के खिलाफ बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन की तैयारी कर रही इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग को करारा झटका देते हुए सुन्नी मुस्लिम विद्वानों के प्रभावशाली संगठन ‘समस्त केरल जमीयत-उल-उलेमा’ ने बुधवार को घोषणा की कि वह कल के विरोध प्रदर्शन में हिस्सा नहीं लेगा, क्योंकि मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने इस मुद्दे के सौहार्दपूर्ण समाधान का आश्वासन दिया है।
वक्फ नियुक्तियों को लेकर एलडीएफ सरकार के खिलाफ अभियान शुरू करने की खातिर मस्जिदों में शुक्रवार की सभाओं का इस्तेमाल करने के लिए ‘समस्त केरल जमीयत-उल-उलेमा’ ने पहले मुस्लिम लीग के कदम से खुद को दूर कर लिया था। इसके बाद लीग ने उसके ‘मस्जिद से’ अभियान चलाने का फैसला छोड़ दिया, लेकिन बृहस्पतिवार को जिला मुख्यालयों में विरोध प्रदर्शनों की घोषणा की।
इस मामले पर अंतिम निर्णय लेने से पहले विस्तृत चर्चा को लेकर मुख्यमंत्री विजयन द्वारा दिए गए आश्वासन पर विश्वास व्यक्त करते हुए ‘समस्त केरल जमीयत-उल-उलेमा’ के शीर्ष नेता जिफरी मुथुकोया थंगल ने आज कहा कि नियुक्तियों का गंभीर मामला मुख्यमंत्री के आश्वासन के साथ हल हो गया है।
थंगल ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘हमने पहले भी कभी किसी विरोध की योजना नहीं बनाई है और हमारे एजेंडे में ऐसी कोई योजना नहीं है। मुस्लिम लीग द्वारा नियोजित विरोध उनका राजनीतिक प्रदर्शन है और इसमें उनके कार्यकर्ताओं को भाग लेना है।’’
वक्फ बोर्ड की नियुक्तियों को पीएससी पर छोड़ने के संबंध में विस्तृत चर्चा का वादा करके विजयन ने मंगलवार को समस्त नेताओं को सूचित किया था कि इस मामले पर निर्णय होने तक यथास्थिति जारी रहेगी।
तिरुवनंतपुरम में ‘समस्त’ के नेताओं के साथ अपनी बैठक के दौरान, मुख्यमंत्री ने इस प्रचार को ‘‘निराधार’’ बताते हुए खारिज कर दिया था कि राज्य में मुस्लिम धार्मिक बोर्ड में नियुक्ति करने के लिए पीएससी को अधिकृत करने से गैर-मुसलमानों को भी वक्फ बोर्ड में नौकरी मिलेगी।
Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।