नई दिल्ली: प्रधानमंत्री मोदी ने आज गोवा में हो रहे 'हर घर जल' उत्सव को आभासी रूप से संबोधित किया। इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने कहा कि आज देश के 10 करोड़ ग्रामीण परिवार पाइप से स्वच्छ पानी की सुविधा से जुड़ चुके हैं। ये हर घर जल पहुंचाने की सरकार के अभियान की एक बड़ी सफलता है।
प्रधानमंत्री मोदी ने जल जीवन मिशन की सफलता का आधार उसके चार स्तंभों को बताते हुए कहा, "जल जीवन मिशन की सफलता की वजह उसके चार मजबूत स्तंभ हैं। इसका पहला स्तंभ जनभागीदारी है। जिस तरह से पंचायतों, ग्राम सभाओं, गांव के स्थानीय लोगों को शामिल किया गया और जिम्मेदारियां सौंपी गई वह अपने आप में अभूतपूर्व है। इसका दूसरा स्तंभ साझेदारी है। राज्य सरकारें, पंचायतें, स्वयंसेवी संस्थाएं, शिक्षा संस्थाएं और सरकार के विभिन्न मंत्रालय मिलकर काम कर रह हैं। जिसका जमीनी स्तर पर बड़ा फायदा मिल रहा है। इसका तीसरा स्तंभ राजनीतिक इच्छाशक्ति है। जो पिछले 70 साल में हासिल किया गया उससे कई गुणा अधिक काम पिछले 7 साल से भी कम समय में हासिल किया गया है। केंद्र, राज्य सरकारें और पंचायतें सभी इस अभियान को तेज़ी से पूरा करने में जुटी हैं। चौथा स्तंभ संसाधनों के सही इस्तेमाल है। मनरेगा जैसे वह कार्य जो जल जीवन मिशन को गति देते हैं उनसे भी मदद ली जा रही है। इस मिशन के तहत जो कार्य हो रहा है उससे गांव में बड़े पैमाने पर रोजगार के नए अवसर बन रहे हैं।"
इस दौरान प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार बनाने के लिए उतनी मेहनत नहीं करनी पड़ती, लेकिन देश बनाने के लिए कड़ी मेहनत करनी होती है। हम सभी ने देश बनाने का रास्ता चुना है, इसलिए देश के वर्तमान और भविष्य की चुनौतियों का लगातार समाधान कर रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि देश ने और विशेषकर गोवा ने आज एक उपलब्धि हासिल की है। आज गोवा देश का पहला राज्य बना है, जिसे हर घर जल सर्टिफाई किया गया है। दादरा नगर हवेली एवं दमन और दीव भी, हर घर जल सर्टिफाइड केंद्र शासित राज्य बन गए हैं।
उन्हेंने कहा, सिर्फ 3 साल के भीतर जल जीवन मिशन के तहत 7 करोड़ ग्रामीण परिवारों को पाइप के पानी की सुविधा से जोड़ा गया है। ये कोई सामान्य उपलब्धि नहीं है। आजादी के 7 दशकों में देश के सिर्फ 3 करोड़ ग्रामीण परिवारों के पास ही पाइप से पानी की सुविधा उपलब्ध थी। नई सरकार बनने के बाद हमने अलग जल शक्ति मंत्रालय बनाया। इस अभियान पर 3 लाख 60 हजार करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं। 100 साल की सबसे बड़ी महामारी की वजह से रुकावटें आईं, लेकिन इसके बावजूद इस अभियान की गति कम नहीं हुई।