नागपुर: बंबई उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ ने एक मामले में फैसला सुनाते हुए स्पष्ट किया कि बकाया कर्ज को लेकर बैंक द्वारा जप्त की गई अचल संपत्ति निलामी में खरीदने के बाद उसकी पूरी राशि खरीदार को 15 दिनों के भीतर अदा करना बंधनकारक है।
साथ ही नियमों का उल्लंघन होने पर दी गई सिक्युरिटी डिपॉजिट जप्ती की कार्रवाई को हाईकोर्ट ने वैध ठहाराया। न्यायमूर्ति सुनील शुक्रे व न्यायमूर्ति गोविंद सानप की खंडपीठ ने सेक्युरिटी इंटरेस्ट (एनफोर्समेंट) नियम 9 (4) व (5) के प्रावधानों पर गौर करते हुए यह फैसला सुनाया।
21 जून 2019 को चंद्रपुर के कारोबारी मंगेश कोमावार ने नागपुर के मातोश्री कंस्ट्रक्शन सर्विसेस व वेंकटेश कंस्ट्रक्शन सर्विसेस की वर्धा जिले के नालवाड़ी की एक अचल संपत्ति निलामी में 2 करोड़ 45 लाख 91 हजार में खरीदी थी।
इसके बाद कोमावार ने तुरंत 61 लाख 35 हजार रुपए सिक्युरिटी डिपॉजिट के तौर पर जमा किए। लेकि न उपरोक्त नियमों के मुताबिक उन्होंने शेष राशि 15 दिन में अदा नहीं की।
लिहाजा पंजाब नेशनल बैंक ने सिक्युरिटी डिपॉजिट को जप्त कर संबंधित संपत्ति को नए सिरे से निलाम करने के लिए निकाली। इसके खिलाफ कोमवार ने दायर की याचिका हाईकोर्ट ने उपरोक्त फैसला सुनाते हुए निपटारा कर दिया।