नई दिल्लीः कोरोना वायरस महामारी के बीच रविवार को डिजिटल माध्यम के जरिए अंतरराष्ट्रीय योग दिवस (International yoga Day 2020) मनाया जा रहा है। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आमजन को संबोधित किया। उन्होंनो लोगों को बताया कि किस तरह योगा के जरिए कोरोना से बचाव कर सकते हैं और अपने इम्यूनिटी को बढ़ा सकते हैं। योग दिवस दुनियाभर में पहली बार 21 जून 2015 को मनाया गया और तबसे हर वर्ष उस दिन को योग दिवस के तौर पर मनाया जाता है लेकिन यह पहला मौका होगा जब इसे डिजिटल तरीके से मनाया जा रहा है। इस साल की योग दिवस की थीम 'घर पर योग और परिवार के साथ योग' है। संयुक्त राष्ट्र महासभा में 11 दिसंबर 2014 को घोषणा की गई थी कि हर साल 21 जून को 'अंतरराष्ट्रीय योग दिवस' मनाया जाएगा। आइए आपको पीएम मोदी के भाषण से जुड़ी 10 महत्वपूर्ण बातें बताते हैं...
1- पीएम ने कहा कि छठे अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की आप सभी को बहुत-बहुत बधाई और शुभकामनाएं। अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस का ये दिन एकजुटता का दिन है। ये विश्व बंधुत्व के संदेश का दिन है।
2- पीएम मोदी ने कहा कि जो हमें जोड़े, साथ लाये वही तो योग है। जो दूरियों को खत्म करे, वही तो योग है। कोरोना के इस संकट के दौरान दुनिया भर के लोगों का माइ लाइफ, माई योगा वीडियो ब्लॉगिंग कंपटीशन में हिस्सा लेना, दिखाता है कि योग के प्रति उत्साह कितना बढ़ रहा है।
3- उन्होंने कहा कि बच्चे, बड़े, युवा, परिवार के बुजुर्ग, सभी जब एक साथ योग के माध्यम से जुडते हैं, तो पूरे घर में एक ऊर्जा का संचार होता है। इसलिए, इस बार का योग दिवस, भावनात्मक योग का भी दिन है, हमारी फेमिली बॉन्डिंग को भी बढ़ाने का दिन है।
4- पीएम ने कहा कि कोरोना वायरस खासतौर पर हमारे श्वसन तंत्र पर हमला करता है। हमारे श्वसन तंत्र को मजबूत करने में जिससे सबसे ज्यादा मदद मिलती है वो है प्राणायाम, यानि कि सांस लेने का व्यायाम।
5- उन्होंने कहा कि आप प्राणायाम को अपने रोजाना अभ्यास में जरूर शामिल करिए, और अनुलोम-विलोम के साथ ही दूसरी प्राणायाम टेक्नीक्स को भी सीखिए।
6- मोदी ने बताया कि स्वामी विवेकानंद कहते थे- 'एक आदर्श व्यक्ति वो है जो नितांत निर्जन में भी क्रियाशील रहता है, और अत्यधिक गतिशीलता में भी सम्पूर्ण शांति का अनुभव करता है'। किसी भी व्यक्ति के लिए ये एक बहुत बड़ी क्षमता होती है।
7- उन्होंने कहा कि योग का अर्थ ही है- 'समत्वम् योग उच्यते' अर्थात, अनुकूलता-प्रतिकूलता, सफलता-विफलता, सुख-संकट, हर परिस्थिति में समान रहने, अडिग रहने का नाम ही योग है।
8- उन्होंने कहा कि गीता में भगवान कृष्ण ने योग की व्याख्या करते हुए कहा है- 'योगः कर्मसु कौशलम्' अर्थात्, कर्म की कुशलता ही योग है।
9- पीएम ने कहा कि हमारे यहां कहा गया है- युक्त आहार विहारस्य, युक्त चेष्टस्य कर्मसु। युक्त स्वप्ना-व-बोधस्य, योगो भवति दु:खहा।। अर्थात्, सही खान-पान, सही ढंग से खेल-कूद, सोने-जागने की सही आदतें, और अपने काम, अपनी कर्तव्य को सही ढंग से करना ही योग है।
10- पीएम मोदी ने कहा कि एक सजग नागरिक के रूप में हम परिवार और समाज के रूप में एकजुट होकर आगे बढ़ेंगे। हम प्रयास करेंगे कि 'घर पर योग और परिवार के साथ योग' को अपने जीवन का हिस्सा बनाएं। हम जरूर सफल होंगे, हम जरूर विजयी होंगे।'