नई दिल्ली: भारत का वार्षिक रक्षा उत्पादन 2023-24 में लगभग 1.27 लाख करोड़ रुपये की रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गया है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ये जानकारी दी। मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत के लिए ये एक बड़ी उपलब्धि है। वित्त वर्ष 2022-23 में भारत ने 1 लाख 8 हजार करोड़ का रक्षा उत्पादन किया था।
राजनाथ सिंह ने कहा कि सरकार भारत को अग्रणी वैश्विक रक्षा विनिर्माण केंद्र के रूप में विकसित करने के लिए अधिक अनुकूल व्यवस्था बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। 'आत्मनिर्भरता' हासिल करने पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार की नीतियों और पहलों के सफल कार्यान्वयन के दम पर वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान मूल्य के संदर्भ में स्वदेशी रक्षा उत्पादन में अब तक की सबसे अधिक वृद्धि हासिल की है। पिछले वित्तीय वर्ष के रक्षा उत्पादन की तुलना में 16.7 प्रतिशत की वृद्धि को दर्शाया गया है।
सभी रक्षा सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (डीपीएसयू), रक्षा वस्तुओं का निर्माण करने वाले अन्य सार्वजनिक उपक्रमों और निजी कंपनियों से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार, देश में रक्षा उत्पादन का मूल्य रिकॉर्ड-उच्च आंकड़े, यानी, 1,26,887 करोड़ तक बढ़ गया है।
रक्षा मंत्रालय के अनुसार "2023-24 में उत्पादन के कुल मूल्य (वीओपी) में, लगभग 79.2 प्रतिशत का योगदान डीपीएसयू/अन्य पीएसयू द्वारा और 20.8 प्रतिशत निजी क्षेत्र द्वारा किया गया है।मंत्रालय ने कहा कि यह उपलब्धि सरकार द्वारा पिछले 10 वर्षों में आत्मनिर्भरता प्राप्त करने पर ध्यान देने के साथ लाए गए नीतिगत सुधारों और पहलों तथा व्यापार करने में आसानी के कारण हासिल की गई है।
वित्त वर्ष 2023-24 में रक्षा निर्यात 21,083 करोड़ रुपये की रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गया, जो पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 32.5 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है, जब यह आंकड़ा 15,920 करोड़ रुपये था। बयान में कहा गया है कि आंकड़ों से पता चलता है कि पूर्ण मूल्य के संदर्भ में, डीपीएसयू/पीएसयू और निजी क्षेत्र दोनों ने रक्षा उत्पादन में लगातार वृद्धि दर्ज की है।