वंदे भारत ट्रेन: यात्रियों के अलावा मोदी की मंत्री ने की थी बासी खाना की शिकायत, फिर भी उसी वेंडर को दे गया एक्सटेंशन

By भाषा | Updated: June 16, 2019 19:43 IST2019-06-16T19:43:55+5:302019-06-16T19:43:55+5:30

गत 9 जून को वाराणसी से दिल्ली जा रही वंदे भारत ट्रेन में कोच संख्या एफ-1 में यात्रा कर रहे लोगों ने खराब भोजन की शिकायत की थी। इसी कोच में यात्रा कर रहीं केंद्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति ने भी खाना खराब होने की शिकायत की थी।

Indian Railways: Vendor who served stale food in Vande Bharat Train, gets Extension | वंदे भारत ट्रेन: यात्रियों के अलावा मोदी की मंत्री ने की थी बासी खाना की शिकायत, फिर भी उसी वेंडर को दे गया एक्सटेंशन

तस्वीर का इस्तेमाल केवल प्रतीकात्मक तौर पर किया गया है। (फाइल फोटो)

भारतीय रेल की सबसे तेज रफ्तार से चलने वाली ट्रेन वंदे भारत में हाल ही में यात्रियों को खराब खाना परोसने वाले वेंडर लैंडमार्क टावर ग्रुप की कंपनी मेसर्स ट्रीट को आईआरसीटीसी ने रात्रि का भोजन उपलब्ध कराने के लिए तीन माह का विस्तार दिया है। इसके अलावा, आईआरसीटीसी ने दिल्ली से वाराणसी आने वाली वंदे भारत ट्रेन में दोपहर का भोजन उपलब्ध कराने का भी ठेका एक माह के लिए ट्रायल बेसिस पर मेसर्स ट्रीट को दे दिया है। अभी तक दोपहर का भोजन प्रयागराज का एक वेंडर उपलब्ध करा रहा था।

उल्लेखनीय है कि गत 9 जून को वाराणसी से दिल्ली जा रही वंदे भारत ट्रेन में कोच संख्या एफ-1 में यात्रा कर रहे लोगों ने खराब भोजन की शिकायत की थी। इसी कोच में यात्रा कर रहीं केंद्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति ने भी खाना खराब होने की शिकायत की थी।

रेलवे के सूत्रों के मुताबिक, 10 जून को मीडिया में यह खबर प्रकाशित होने के बाद 11 जून को दिल्ली और लखनऊ से अधिकारियों की टीम ने कानपुर का दौरा किया और कानपुर के वेंडर पर 50,000 रुपये का जुर्माना लगाया। दिलचस्प है कि इस घटना के एक सप्ताह के भीतर आईआरसीटीसी ने 14 जून, 2019 को एक पत्र जारी कर कानपुर के वेंडर का न केवल डिनर का ठेका तीन माह के लिए बढ़ा दिया, बल्कि उसे लंच का भी एक माह का ठेका दे दिया।

आईआरसीटीसी के सीआरएम (लखनऊ) अश्वनी श्रीवास्तव ने बताया, “कानपुर में खराब खाने की जांच में पता चला कि गर्मी की वजह से वेंडर के यहां से ट्रेन तक लाने के बीच चावल में दुर्गंध पैदा हो गई थी। हमने लैंडमार्क को इस शर्त के साथ लंच का ठेका दिया है कि वह रेफ्रिजरेटेड वैन में खाना लेकर आए।”

श्रीवास्तव ने कहा कि 9 जून को 1150 यात्रियों को डिनर दिया गया जिसमें केवल एक कोच में खाना खराब पाया गया। कानपुर के वेंडर को केवल एक महीने के लिए लंच का आर्डर दिया गया है। इस दौरान 15 दिनों तक यात्रियों की प्रतिक्रिया ली जाएगी जिसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।

उन्होंने बताया, “वंदे भारत इतनी प्रतिष्ठित ट्रेन है कि हमने ट्रायल बेसिस पर केवल तीन माह के लिए खाने का ठेका दिया ताकि खाने की गुणवत्ता सुनिश्चित हो सके। इसके बाद एक माह का विस्तार दिया गया।”

गौरतलब है कि नई दिल्ली से वाराणसी आने वाली वंदे भारत ट्रेन दोपहर करीब 12 बजे इलाहाबाद जंक्शन पहुंचती है और दोपहर का भोजन अभी तक इलाहाबाद का वेंडर पिंड बलूची उपलब्ध कराता था, जबकि वाराणसी से नई दिल्ली जाने वाली यह ट्रेन शाम 6:30 बजे कानपुर पहुंचती है और रात्रि का भोजन कानपुर का वेंडर उपलब्ध कराता है। नई व्यवस्था के तहत नई दिल्ली से वाराणसी आने वाले वंदे भारत के सुबह 10:18 बजे कानपुर पहुंचने पर कानपुर का वेंडर ट्रेन में लंच की खेप चढ़ा देगा जो यात्रियों को दोपहर करीब एक बजे परोसा जाएगा।

खानपान मामलों के विशेषज्ञ डाक्टर एसके चौहान के मुताबिक, “वंदे भारत जैसी ट्रेनों में खाने की गुणवत्ता का आकलन सोशल मीडिया और ट्रेन में उपलब्ध शिकायत पुस्तिका में यात्रियों द्वारा दी गई प्रतिक्रिया के आधार पर होना चाहिए। इसी आधार पर वेंडर का चयन होना चाहिए।”

Web Title: Indian Railways: Vendor who served stale food in Vande Bharat Train, gets Extension

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