नई दिल्ली: कोरोना काल में लगे अनलॉक-1 के दौरान भारतीय रेलवे कोविड-19 संबधी मानको को ध्यान में रखते हुए कुछ स्पेशल ट्रेनें चला रही है। इन्ही स्पेशल ट्रेनों की टाइम-टेबल में कुछ बदलाव किया गया है। जिसकी जानकारी भारतीय रेल द्वारा ट्वीट कर दी गई है। ये बदलाव पश्चिम मध्य रेलवे ने कुछ स्पेशल ट्रेनों के लिए किया है।
अहमदाबाद से गोरखपुर, अहमदाबाद से मुजफ्फरपुर और मुंबई सेंट्रल से अमृतसर के बीच चलने वाली स्पेशल ट्रेनों के स्टेशनों पर रुकने के समय में बदलाव किया गया है। जो एक जुलाई 2020 से प्रभावी होगा। पश्चिम मध्य रेलवे की ( West Central Railway) ओर से ट्वीट कर इस बात की जानकारी दी गई है।
यहां देखें किन ट्रेनों की टाइमिंग में हुआ बदलाव
- अहमदाबाद से गोरखपुर के बीच चलने वाली स्पेशल ट्रेन नं. 09089/09090 (कोविड-19 सुपरफास्ट स्पेशल एक्सप्रेस ) के स्टेशनों के समय मे बदलाव किया गया है, जो दिनांक 01 जुलाई 2020 से प्रभावी रहेगा।
- अहमदाबाद से मुजफ्फरपुर के बीच चलने वाली स्पेशल ट्रेन नं. 09083/09084 (कोविड-19 सुपरफास्ट स्पेशल एक्सप्रेस ) के स्टेशनों के समय मे बदलाव किया गया है, जो दिनांक 01 जुलाई 2020 से प्रभावी रहेगा।
- WCR के कोटा डिवीजन से गुजरने वाली "मुंबई सेंट्रल और अमृतसर" के बीच स्पेशल ट्रेन नंबर 02903/02904 के टाइम टेबल में बदलाव हुआ।
बता दें कि तीनों ट्वीट में ट्रेनों के खुलने का वक्त, किस स्टेशन पर ट्रेन कितने बजे रुकेगी और कितने बजे वहां से खुलेगी, ये सारी जानकारी दी गई है।
किन ट्रेनों में है खाली सीट रेलने उसकी भी लिस्ट जारी की
भारतीय रेलवे ने कोविड-19 के वक्त देशभर में चलाए जा रहे किन ट्रेनों में कितनी सीटें बाकी हैं, इसको लेकर भी एक लिस्ट जारी की है। जिसमें दरभंगा एक्सप्रेस, जन शताब्दी एक्सप्रेस, बिहार संपर्क क्रांति, संपर्क क्रांति, अवध एक्सप्रेस, लखनऊ मेल, भोपाल मेल, गोमती एक्सप्रेस, पूर्वा एक्सप्रेस और दूरंतो समेत तमाम स्पेशल ट्रेनों में खाली सीटों की लिस्ट शामिल है।
रलवे ने ट्वीट कर बताया कि वर्तमान में भारतीय रेल द्वारा चलाई जा रही 114 जोड़ी गाड़ियों में सीटें खाली हैं।
रेलवे ने राज्यों से कहा- प्रवासी मजदूरों की घर वापसी के लिए 10 जून तक उपलब्ध कराएं शेष मांग
सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के कुछ घंटे बाद रेलवे ने राज्यों को पत्र लिखकर उनसे कहा है कि वे प्रवासी मजदूरों को उनके घरों तक पहुंचाने के लिए 10 जून तक श्रमिक विशेष ट्रेनों के लिए ‘‘समग्र शेष’’ मांग उपलब्ध कराएं। शीर्ष अदालत ने केंद्र को निर्देश दिया है कि वह प्रवासी मजदूरों की घर वापसी की प्रक्रिया अगले 15 दिन में पूरी करे।
रेलवे एक मई से लेकर अब तक 4,347 श्रमिक विशेष ट्रेनों के जरिए लगभग 60 लाख लोगों को उनके गंतव्य राज्यों में पहुंचा चुका है। राज्यों के मुख्य सचिवों को लिखे पत्र में रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष वी के यादव ने कहा कि उच्चतम न्यायालय द्वारा मंगलवार (9 जून) को दिए गए निर्देश के अनुरूप रेलवे किसी अतिरिक्त मांग की स्थिति में प्रवासी मजदूरों को उनके घर भेजने के लिए राज्यों के आग्रह पर 24 घंटे के भीतर श्रमिक स्पेशल ट्रेन उपलब्ध कराएगा। उन्होंने कहा कि राज्य अब तक इस तरह के 141 आग्रह पहले ही रेलवे से कर चुके हैं।