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भारतीय सेना ने लद्दाख भेजी तीन डिविजन आर्मी, हथियारों सहित 30 हजार अतिरिक्त सैनिकों की तैनाती

By निखिल वर्मा | Updated: July 1, 2020 11:10 IST

भारतीय सेना ने अतिरिक्त बलों को सड़क और हवाई मार्ग से लद्दाख भेजा है। भारतीय वायु सेना के भारी-भरकम विमानों ने चंडीगढ़ से लेह तक सैनिकों, टैंकों और अन्य उपकरणों को पहुंचाया है.

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ठळक मुद्देलद्दाख सीमा विवाद को लेकर जारी सैन्य और कूटनीतिक वार्ताओं को कोई हल नहीं निकला हैचीनी सेना के आक्रामक रुख को देखते हुए सीमा पर सैनिकों की संख्या बढ़ाई गई हैसेना ने लद्दाख सेक्टर में एयर डिफेंस सिस्टम भी तैनात किया है

भारत और चीन के बीच लद्दाख में जारी तनाव के बीच भारतीय सेना ने अपनी ताकत बढ़ाने के लिए लद्दाख सेक्टर में तीन डिविजन, फ्रंटलाइन टैंक के कई स्क्वाड्रन, तोपें और पूरी तरह से तैयार मैकेनाइज्ड पैदल सेना के दस्ते भेजे हैं। पूर्वी लद्दाख में 5 मई से ही भारतीय और चीनी सैनिकों का जमावड़ा लगा है। इस इलाके में चीन ने भी भारी मात्रा हथियार और सैनिकों की तैनाती की है।

हिन्दुस्तान टाइम्स में छपी खबर के अनुसार, चीनी सेना के संभावित आक्रामक कदमों से निपटने के लिए तीन डिविजन भेजे गए हैं जिनमें भारतीय सेना के 30 हजार प्रशिक्षित जवान हैं। इन जवानों को वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) से निकट तैनात किया गया है। सुरक्षा कारणों से उनके लोकेशन का जिक्र नहीं किया गया है। भारतीय सेना इन इलाकों में सैनिकों, हथियारों और उपकरणों को तैनात कर रही है।

जवानों को सड़क और हवाई मार्गों से लद्दाख भेजा गया है। इसके अलावा टैंक समेत अन्य सैन्य उपकरणों  को पश्चिमी क्षेत्र के इलाकों से लद्दाख ले जाया। पश्चिमी क्षेत्र में पाकिस्तान से निपटने के लिए अनुकूल युद्ध क्षमता पहले से मौजूद है। वहां से सैन्य उपकरण हटाने से कोई ज्यादा अंतर नहीं आएगा।

पूर्वी लद्दाख में 15 जून रात भारत और चीनी सैनिकों के बीच हुई खूनी झड़प में 20 भारतीय जवान शहीद हुए जबकि चीनी पक्ष के भी कई लोग हताहत हुए। इसके बाद से ही दोनों देश एलएसी पर सैन्य जमावड़ा बढ़ा रहे हैं। भारत ने लद्दाख सेक्टर में पीएलए-वायु सेना से संभावित हवाई खतरों का मुकाबला करने के लिए अपने वायु रक्षा हथियार प्रणालियों को भी तैनात किया है। इंडियन एयरफोर्स ने चीनी बलों द्वारा किसी भी सैन्य उकसावे से निपटने के लिए अपना पहरा बढ़ा दिया है और अग्रिम ठिकानों को हाई अलर्ट पर रखा है।

भारत और चीन दोनों ने क्षेत्र में हजारों सैनिकों, लड़ाकू जेट, हेलीकॉप्टर, टैंक, भारी तोपखाने, मिसाइल और वायु रक्षा प्रणाली के साथ अपनी तैनाती को काफी मजबूत किया है, क्योंकि तनाव कम करने के प्रयासों में सफलता नहीं मिली है। रिपोर्ट के अनुसार, अगर गतिरोध बना रहा तो भारतीय और चीनी सेना कम से कम सितंबर तक क्षेत्र में अपनी-अपनी पोजिशन पर बनी रह सकती हैं। हालांकि ठंड की शुरुआत के साथ ही दोनों पक्षों के लिए आगे तैनात रहना मुश्किल होगा।

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