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भारत को स्वतंत्र एवं अर्थपूर्ण भूमिका तलाशनी होगी: देवेगौड़ा ने अफगानिस्तान के विषय में कहा

By भाषा | Updated: August 26, 2021 20:01 IST

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पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवेगौड़ा ने अफगानिस्तान में हालात को ‘‘अत्यधिक जटिल’’ बताते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि भारत को अन्य देशों द्वारा तय भूमिका निभाने के बजाए क्षेत्र में एक स्वतंत्र एवं अर्थपूर्ण भूमिका तलाशनी होगी। देवेगौड़ा ने कहा कि यदि भारत विश्व मंच पर बड़ी भूमिका में आना चाहता है तो ‘‘हमें अपने देश में सही काम करने होंगे।’’ उन्होंने कहा, ‘‘यह सर्वविदित तथ्य है कि अफगानिस्तान में हालात बहुत जटिल हैं। ऐसा लगता है कि जी7 समेत किसी भी देश के पास योजना नहीं है कि उस देश में किसी तरह आगे बढ़ना है जहां एकाएक सब चौपट हो गया। वहां बीते बीस साल में जो प्रयास किए गए उनके बाद भी कुछ हाथ नहीं लगा।’’ अफगानिस्तान पर सर्वदलीय बैठक में अपने वक्तव्य में देवेगौड़ा ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय बिरादरी, जिसने अफगानिस्तान में लोकतांत्रिक उम्मीद जगाने में योगदान दिया था उसका हिस्सा होने के नाते भारत को चिंतन करना चाहिए कि आखिर ऐसा हुआ क्यों? उन्होंने कहा, ‘‘संकट के इस समय में भारत की सुरक्षा एवं रणनीतिक हितों को सुरक्षित रखना निश्चित ही प्राथमिकता है। लेकिन भारत को यह पता होना चाहिए कि मानवीय और नेतृत्व के मामले में उसे बड़ी भूमिका निभानी है। अफगानिस्तान के पड़ोस में हम ही एकलौता बड़ा लोकतांत्रिक देश हैं जो अपने बुनियादी सिद्धांतों को लेकर निश्चित है।’’ उन्होंने कहा कि दूसरे देशों द्वारा तय भूमिका निभाने के बजाय भारत को क्षेत्र में स्वतंत्र एवं अर्थपूर्ण भूमिका तलाशनी होगी और यह विदेश नीति को दुरुस्त करने के लिहाज से एक बड़ा पल हो सकता है। उन्होंने कहा, ‘‘क्षेत्र में शांति एवं स्थिरता अंतत: भारत के ही हित में है।’’ देवेगौड़ा ने कहा कि अफगानिस्तान के बारे में बीते कुछ दिन में जो कुछ भी पढ़ा है उससे देखते हुए कहा जा सकता है कि इस हालात में संयुक्त राष्ट्र क्या भूमिका निभाना चाहता है उसे लेकर स्पष्टता नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘यह हमें आज की दुनिया के बारे में बहुत कुछ बताता है।’’उन्होंने कहा कि यदि भारत विश्व मंच पर बड़ी भूमिका निभाना चाहता है और क्षेत्र में राष्ट्र के हितों को सुरक्षित करना चाहता है तो ‘‘हमें सुनिश्चित करना होगा कि जम्मू-कश्मीर जैसे हमारे सबसे संवेदनशील क्षेत्रों को लेकर ध्यानपूर्वक कदम उठाए जाएं। वहां लोकतांत्रिक एवं संवैधानिक आकांक्षाओं को गंभीरता से लिया जाए।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमें पूर्वोत्तर क्षेत्र का भी ध्यान रखना होगा।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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