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दुश्मन देशों की उड़ी नींद, आज होगा अग्नि-5 का परीक्षण, इस मिसाइल से घबराया हुआ है चीन

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: September 23, 2021 11:46 AM

अग्नि-5 को डीआरडीओ (डिफेंस रिसर्च एंड डेवलेपमेंट ऑर्गेनाइजेशन) ने विकसित किया है, जिसकी कुल लंबाई 17 मीटर और व्यास 2 मीटर है। इसका कुल वजन 50 टन है। जबकि यह 1.5 टन तक परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम है।

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ठळक मुद्देभारत 23 सितंबर को अग्नि-5 मिसाइल का परीक्षण कर सकता है।अग्नि-5 का यह 8वां टेस्ट होगा। इस मिसाइल की रेंज की 5 हजार किलोमीटर है।इस मिसाइल को डीआरडीओ ने विकसित किया है।

भारत 23 सितंबर को उड़ीसा तट के करीब स्थित डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप के परीक्षण रेंज से अग्नि-5 मिसाइल का परीक्षण कर सकता है। इसी मिसाइल को लेकर चीन की नींद हवा-हवाई हो गई है। यह मिसाइल न्यूक्लियर हथियारों को ले जाने में सक्षम है। अगर भारत आज इस इंटर कॉन्टिनेंटल बैलेस्टिक (ICBM) मिसाइल का सफल परीक्षण करता है तो वह उन एलीट देशों की सूची में शामिल हो जाएगा जिनके पास न्यूक्लियर हथियारों से लैस आईसीबीएम मिसाइल है। 

एक साथ कर सकती है कई जगहों पर वार

आपको बता दें कि अग्नि-5 का यह 8वां टेस्ट होगा। इस मिसाइल की रेंज 5 हजार किलोमीटर है। इससे पहले भारत ने इसी साल जून में अग्नि प्राइम का भी सफल परीक्षण किया था और अग्नि-6 पर काम चल रहा है। इस मिसाइल की सबसे अहम बात ये है कि इस मिसाइल से एक साथ कई जगहों पर हमला किया जा सकता है। दरअसल, यह एडवांस मिसाइल में MIRV (Multiple Independently Targetable Reentry Vehicle) तकनीक है। ऐसे में चीन का घबराना लाजमी है। 

ये हैं खास बातें

इस मिसाइल को डीआरडीओ (डिफेंस रिसर्च एंड डेवलेपमेंट ऑर्गेनाइजेशन) ने विकसित किया है, जिसकी कुल लंबाई 17 मीटर और व्यास 2 मीटर है। इसका कुल वजन 50 टन है। जबकि यह 1.5 टन तक परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम है। इसकी स्पीड ध्वनि की गति से 24 गुना अधिक है। इस मिसाइल के लॉन्चिंग सिस्टम में कैनिस्टर तकनीक का इस्तेमाल किया गया है जिसके माध्यम से इसे कहीं भी आसानी से ले जाया जा सकता है। 

अब तक हो चुके हैं 7 सफल परीक्षण

ये अग्नि सीरीज की 5वीं मिसाइल है, जिसका पहला टेस्ट 2012 में किया गया था। जनवरी 2015 में इस मिसाइल का कैनिस्टर टेस्ट किया गया था। इस क्रम में  मिसाइल के अब तक 7 सफल परीक्षण किए जा चुके हैं। 2020 में इसे आधिकारिक रूप से सेना में शामिल किया जाने वाला था, लेकिन कोरोना के कारण इस प्रक्रिया में देरी हुई है। 

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