India-China: भारत ने अरुणाचल प्रदेश में कुछ स्थानों के नाम बदलने की चीन की कोशिशों को सिरे से खारिज कर दिया। भारत की ओर से दोहराया गया कि अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न हिस्सा है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि इस तरह के ‘‘बेतुके’’ प्रयासों से यह ‘‘निर्विवाद’’ सच्चाई नहीं बदलेगी कि यह राज्य ‘‘भारत का अभिन्न अंग था, है और रहेगा।’’
भारत ने अरुणाचल प्रदेश के कुछ स्थानों के लिए चीन द्वारा उसके नामों की घोषणा किए जाने पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए यह टिप्पणी की है।
चीन दावा करता है कि अरुणाचल प्रदेश तिब्बत का दक्षिणी भाग है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, ‘‘हमने देखा है कि चीन ने भारतीय राज्य अरुणाचल प्रदेश में स्थानों का नाम बदलने के व्यर्थ और बेतुके प्रयास किए हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हम इस तरह के प्रयासों को अपने सैद्धांतिक रुख के अनुरूप स्पष्ट रूप से अस्वीकार करते हैं।’’ जायसवाल ने इस मुद्दे पर मीडिया के सवाल का जवाब देते हुए ये टिप्पणियां कीं। उन्होंने कहा, ‘‘रचनात्मक नाम रखने से यह निर्विवाद वास्तविकता नहीं बदलेगी कि अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न एवं अविभाज्य अंग था, है और हमेशा रहेगा।’’
विदेश मंत्रालय की यह प्रतिक्रिया चीन द्वारा अरुणाचल प्रदेश पर अपना दावा जताने के बार-बार प्रयास के बाद आई है।
इससे पहले अप्रैल 2024 में, चीन ने पिछले साल 2024 में भारत के पूर्वोत्तर राज्य अरुणाचल प्रदेश में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के साथ विभिन्न स्थानों के 30 नए नामों की चौथी सूची जारी की थी। यह पहली बार नहीं था जब चीन ने भारतीय क्षेत्र के अंदर स्थानों का नाम बदलने की कोशिश की।
चीन ने अरुणाचल प्रदेश में तथाकथित 'मानकीकृत' भौगोलिक नामों की एक सूची जारी की, जिसे बीजिंग जांगनान के रूप में मान्यता देता है, सरकारी ग्लोबल टाइम्स ने बताया। बीजिंग द्वारा नाम बदले गए 30 स्थानों में 12 पहाड़, चार नदियाँ, एक झील, एक पहाड़ी दर्रा, 11 आवासीय क्षेत्र और एक ज़मीन का टुकड़ा शामिल है। नामों की सूची के अलावा, चीनी मंत्रालय ने विस्तृत अक्षांश और देशांतर और क्षेत्रों का एक उच्च-रिज़ॉल्यूशन मानचित्र भी साझा किया।